इस वर्ष पद्म पुरस्कारों से सम्मानित कई विशिष्ट लोगों में एक नाम कर्नाटक के बीदर के शाह रशीद अहमद कादरी (Shah Rasheed Ahmed Quadari) का था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनको पद्मश्री से सम्मानित किया है। उन्हें बीदरी कला में कई तरह के नए पैटर्न और डिजाइन को पेश करने के लिए यह सम्मान दिया गया है। बीदरी एक लोककला है जिसकी पारंपरिक सृजन कर्नाटक के बीदर शहर से शुरू हुआ था। बाद के दिनों में धीरे-धीरे इस कला का प्रसार तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में भी हो गया।

पुरस्कार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा, “उन्हें लगता था कि यूपीए में पद्म सम्मान मिलेगा, लेकिन नहीं मिला। उन्हें बीजेपी की सरकार से उम्मीद नहीं थी, इसलिए खामोश बैठे थे, लेकिन वे गलत साबित हुए। उन्होंने पुरस्कार के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया।”

सोशल मीडिया पर यूजरों ने किए कमेंट

इस पर सोशल मीडिया में भी कई तरह के कमेंट आ रहे हैं। कृष्णा सिंह@Krishna46132452 नाम के एक यूजर ने लिखा, “हां, कादरी साहब, वह बहुत कुछ कर रहे हैं न केवल आपके लिए, बल्कि आपके पूरे समुदाय के लिए कर रहे हैं। यह जानते हुए भी कि बदले में कुछ नहीं मिलेगा। उनके बारे में जितना सोचा गया है, वह उससे बहुत ज्यादा धर्मनिरपेक्ष हैं। लेकिन ठीक है, सभी को खुश रहना चाहिए। शांति और समृद्धि से रहें। हमारा धर्म यही सिखाता है।”

अशोक शेखावत@Ashokkshekhawat नाम के यूजर ने लिखा, “क्या इससे हिंदू संगठनों को कोई आपत्ति नहीं होगी? क्या कोई विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे?”

मनीष तिवारी @manish_tiwari18 ने कहा, “यह क्या बदल गया है, वह बस यह करता है कि आप कौन हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, आपको उन योग्य तत्वों की आवश्यकता है, लेकिन फिर वे उसे गाली देते हैं, उसे शाप देते हैं, उसके परिवार के सदस्यों को भी नहीं बख्शते … दुखद कहानी लेकिन मुझे एक पीएम दिखाओ जिसके पास है किसी भी मतभेद के बावजूद सभी के लिए किया गया।”

इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव और मशहूर डॉक्टर दिलीप महालनाबिस को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया। लेखक सुधा मूर्ति, भौतिक विज्ञानी दीपक धर, उपन्यासकार एस.एल. भैरप्पा और वैदिक विद्वान त्रिदंडी चिन्ना जे. स्वामीजी को भी यहां राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। दीपक धर सांख्यिकीय भौतिकी में अपने लंबे शोध करियर के लिए जाने जाते हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को मरणोपरांत सम्मान दिया गया।

वहीं, 1971 के बांग्लादेश युद्ध शरणार्थी शिविरों में सेवा करने के लिए अमेरिका से लौटे महालनाबिस को मरणोपरांत सम्मान दिया गया। उन्हें ‘ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन’ (ओआरएस) पर किए गए कार्य के लिए वैश्विक स्तर पर पहचान मिली थी। फिल्म ‘आरआरआर’ के गीत ‘नाटू नाटू’ के लिए भारत का पहला ऑस्कर जीतने वाले संगीत निर्देशक एम.एम. कीरावानी और बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन को पद्मश्री दिया गया।