उपराष्ट्रपति पद के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की ओर से उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेता उनके साथ थे। नामांकन ने बाद जगदीप धनखड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा ये दिन मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।
नामांकन दाखिल करने के बाद जगदीप धनखड़ ने खुद को किसान पुत्र बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरे जैसे आम आदमी को ऐसा मौका दिया जाएगा। एक किसान के बेटे ने आज नामांकन दाखिल किया है। इस अवसर के लिए पीएम मोदी और नेतृत्व का आभारी हूं। मैं हमेशा देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ाने का प्रयास करूंगा।”
शनिवार को एनडीए ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। पीएम मोदी ने जगदीप धनखड़ को बधाई देते हुए ट्वीट कर लिखा, “किसान पुत्र जगदीप धनखड़ जी अपनी विनम्रता के लिए जाने जाते हैं। वह अपने साथ एक शानदार कानूनी, विधायी और गवर्नर करियर लेकर आए हैं। उन्होंने हमेशा किसानों, युवाओं, महिलाओं और वंचितों की भलाई के लिए काम किया है। खुशी है कि वह हमारे उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। जगदीप धनखड़ जी को हमारे संविधान का उत्कृष्ट ज्ञान है। मुझे विश्वास है कि वह राज्य सभा में एक उत्कृष्ट अध्यक्ष होंगे और राष्ट्रीय प्रगति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से सदन की कार्यवाही का मार्गदर्शन करेंगे।”
जगदीप धनखड़ पिछले तीन वर्षों से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे और राज्यपाल रहते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ उनकी तल्खी जगजाहिर है। रविवार को जगदीप धनखड़ ने राज्यपाल पद से इस्तीफा दिया है।
जगदीप धनखड़ राजस्थान से आते हैं और जाट समुदाय से संबंध रखते हैं। वर्ष 2000 में उन्होंने जाटों को आरक्षण दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। जगदीप धनखड़ पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की काफी करीबी थे और वह आज भी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। साल 1989 में देवीलाल ने ही जगदीप धनखड़ को राजनीति में बड़ा मौका दिया था।