इन दिनों भारत और पाकिस्तान की होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की प्रत्वावित वार्ता पर खतरे के बादल छाए हुए हैं। दिल्ली में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरजाज अजीज के साथ बैठक से पहले सभी हुर्रियत नेताओं को जम्मू कश्मीर में उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है। बताते चलें कि पाकिस्तानी उच्चायोग ने 25 अगस्त को हुर्रियत नेताओं को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया है।
दरअसल, पाकिस्तान उच्चायोग ने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को पाक सुरक्षा सलाहकार सरताज अज़ीज़ से मिलने का न्योता भेजा है। पिछले वर्ष भी पाकिस्तान की ओर से यही हरकत की गई थी। पाक की इस चाल पर भारत ने नाराजगी जाहिर करते हुए 19 अगस्त को वार्ता रद कर दी थी।
भारत की ओर से साफ कह दिया गया कि यदि हुर्रियत नेताओं से पाक ने किसी तरह की वार्ता की तो वह उपयुक्त जवाब देगा। विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यदि पाक ने अपना फैसला नहीं बदला तो भारत आगे कुछ और फैसला कर सकता है।
इससे पहले हुर्रियत नेताओं ने पाकिस्तान के उप-उच्चायुक्त मंसूर अहमद खान का दिल्ली आने का न्योता मंजूर कर लिया है। सैयद अली शाह गिलानी को 24 अगस्त को बुलाया गया है। जबकि नरमपंथी नेताओं मीरवाइज उमर फारूक व यासिन मलिक को 23 अगस्त को अजीज के स्वागत समारोह में आमंत्रित किया गया है।
निमंत्रण की पुष्टि करते हुए मीरवाइज उमर फारूक ने बुधवार को कहा था कि भारत की ओर से यदि कोई बातचीत की पहल की जाती है तो वे इसका स्वागत करेंगे। इससे पहले पाक की हरकतों को देखते हुए कांग्रेस ने एनएसए स्तर की वार्ता को रद्द करने की मांग की है। वरिष्ठ बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने भी कह दिया है कि इस वार्ता से कोई लाभ नहीं होने वाला है।
इससे साफ जाहिर होता है कि भारत पाक से दोस्ती करने के लिए चाहे कितनी भी कोशिशें कर ले लेकिन पाक है कि मानता ही नहीं। गौरतलब है कि बीते कई दिनों भारतीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम भी जारी है।