गिलगिट-बालिस्‍तान को देश का पांचवां प्रांत बनाने से जुड़े पाकिस्‍तान सरकार के फैसले पर अलगाववादी नेता और हुर्रियत कॉन्‍फ्रेंस के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने निशाना साधा है। उन्‍होंने गिलगिट-बालिस्‍तान को जम्‍मू-कश्‍मीर का अभिन्‍न अंग बताया। उन्‍होंने पाकिस्‍तान के इस फैसले को कश्‍मीर पर ‘संयुक्‍त राष्‍ट्र के समाधान का उल्‍लंघन’ करार दिया। उन्‍होंने इसे पाकिस्‍तान की ओर से कश्‍मीर के साथ ‘धोखा’ भी बताया।

गिलानी ने बुधवार को कहा, ”संघर्ष विराम रेखा के दोनों ओर फैला पूरा जम्‍मू कश्‍मीर एक विवादित इलाका है। इसके किसी हिस्‍से पर यहां के नागरिकों की रजामंदी के बिना कोई फैसला लेने की संवैधानिक या नैतिक तौर पर सफाई नहीं दी जा सकती। यह कश्‍मीर पर यून रिजॉल्‍यूशन का उल्‍लंघन भी है।” उन्‍होंने पाकिस्‍तान को चेतावनी देते हुए कहा, ”’पाकिस्‍तान के इस कदम से जम्‍मू कश्‍मीर के विवादास्‍पद प्रकृति को और नुकसान पहुंचेगा।” गिलानी ने कहा कि वे आर्थिक तरक्‍की के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कश्‍मीरी लोगों की इच्‍छाओं, उम्‍मीदों और कुर्बानियों की कीमत पर व्‍यापारिक रास्‍ते बनाना न्‍यायसंगत नहीं है और यह पाकिस्‍तान के कश्‍मीर नीति के भी खिलाफ है। गिलानी ने कहा, ”जब तक यूएन के तत्‍वाधान में कश्‍मीर में कोई जनमत संग्रह नहीं हो जाता, तब तक इस हिस्‍से को लेकर अलग से कोई फैसला नहीं लिया जाना चाहिए। यह कश्‍मीर के लोगों और उनकी कुर्बानियों के साथ धोखा है।”