Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में आज एक गोलमाल मूवमेंट देखने को मिला। एक वकील ने जस्टिस ऋषिकेश रॉय को जस्टिस ऋषिकेश मुखर्जी बोल दिया। यह एक बड़ी गलती थी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने तुरंत वकील को सही किया और कहा कि एक वकील को जजों के नाम तो पता होने ही चाहिए।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के पहले सुने गए एक मामले के बारे में बताते हुए वकील ने कहा कि “यह मामला जस्टिस ऋषिकेश मुखर्जी के समक्ष था।” सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने वकील की बात को बीच में काट दिया और कहा, “ऋषिकेश मुखर्जी या जस्टिस ऋषिकेश रॉय? अगर आप रॉय को मुखर्जी बना देंगे तो… आपको अपने जजों को जानना ही होगा। यह हद है। कृपया जाकर वेबसाइट चेक करें।”

कौन हैं जस्टिस ऋषिकेश रॉय?

जस्टिस ऋषिकेश रॉय 1 फरवरी 1960 को जन्मे थे। शुरुआती पढ़ाई-लिखाई के बाद वह कानून की पढ़ाई करने दिल्ली आ पहुंचे। डीयू के कैंपस लॉ सेंटर में एडमिशन लिया और साल 1982 एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। सबसे खास बात यह कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ऋषिकेश रॉय क्लासमेट रह चुके हैं। मुख्य न्यायधीश भी साल 1982 में कैंपल लॉ सेंटर के छात्र थे। जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने लॉ की पढ़ाई के बाद वकालत की प्रैक्टिस शुरू की।

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अक्टूबर 2006 में गुवाहाटी हाई कोर्ट के एडिशनल जज नियुक्त बने। यहां पर ही वह परमानेंट भी हो गए। इसके बाद यहां से उनका ट्रांसफर केरल हाई कोर्ट में बतौर कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश के रूप में हुआ। फिर केरल हाईकोर्ट के 35वें चीफ जस्टिस बने। फिर जस्टिस ऋषिकेश रॉय ने सितंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ ली थी।

वकील ने फिल्म निर्माता का किया जिक्र

वकील का रॉय की जगह मुखर्जी शब्द का इस्तेमाल करना काफी हास्यास्पद था। उन्होंने अनजाने में ऋषिकेश मुखर्जी के बारे में बात कर दी। वह एक ऐसे फिल्ममेकर हैं जिनकी जिंदगी पर आधारित फिल्में समय की कसौटी पर एकदम खरी उतरी हैं। ऋषिकेश मुखर्जी का साल 2006 में निधन हो गया था। मुखर्जी ने आनंद, गोलमाल, चुपके चुपके, गुड्डी, बावर्ची और अभिमान फिल्म को डायेरक्टिड किया था।