मानव संसाधन मंत्रालय (एचआरडी) ने 13 सदस्यों वाली एक विशेषज्ञ समिति बनाई है। इसे संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने के उपाय सुझाने का काम दिया गया है। समिति का प्रमुख पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी को बनाया गया है। वह इन दिनों तिरुपति में राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के कुलपति हैं।
स्मृति ईरानी की अगुवाई वाले मंत्रालय ने समिति से कहा है कि वह ऐसे उपाय सुझाए जिनके जरिए संस्कृत को गणित, भौतिकी, रसायन, मेडिकल साइंस और कानून जैसे विषयों के साथ पढ़ाया जा सके। स्कूलों और विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढ़ाए जाने के तौर-तरीकों में बदलाव से जुड़े सलाह भी समिति से मांगे गए हैं। दस साल में संस्कृत को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है, इस पर एक्शन प्लान तैयार करने के लिए भी समिति से कहा गया है।
समिति को तीन महीने में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। गोपालस्वामी ने बताया कि अभी उन्हें इस बारे में एचआरडी से लिखित प्रस्ताव नहीं आया है। प्रस्ताव आते ही वह पहली बैठक जल्दी से जल्दी बुलाएंगे। समिति के सदस्यों में नीति आयोग के सदस्य बिबेक देवरॉय, भारत सरकार के पूर्व सचिव वीवी भट्ट, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. रामदोराई, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रमेश भारद्वाज, यूजीसी चेयरमैन वेद प्रकाश और आरएसएस से जुडे संस्कृत भारती के सीके शास्त्री शामिल हैं।
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