Wing Commander Vyomika Singh: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों को सबक सिखाने के लिए भारत ने जब ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया तो देश को इसके बारे में जानकारी देने के लिए भारतीय सेना के दो महिला चेहरे सामने आए। इनमें से एक इंडियन एयर फोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और दूसरी कर्नल सोफिया कुरैशी थीं।
इन दोनों के सामने आते ही टीवी चैनलों, अखबारों, सोशल मीडिया पर इन्हें लेकर काफी चर्चा शुरू हुई और लोगों ने व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में और ज्यादा जानने की कोशिश की।
आइए आपको व्योमिका सिंह के बारे में बताते हैं।
व्योमिका सिंह ने दिल्ली के सेंट एंथनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की है। उन्होंने सेंट एंथनी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और बाद में दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
DGMO राजीव घई बोले- जरूरत पड़ेगी तो जरूर टारगेट किया जाएगा
टीचर ने ऑटोग्राफ बुक में लिखा था संदेश
अपने स्कूल के आखिरी दिन व्योमिका सिंह स्कूल के स्टाफ रूम के बाहर खड़ी थी। उनके हाथ में एक ऑटोग्राफ बुक थी। ऑटोग्राफ बुक में टीचर्स की ओर से स्टूडेंट्स के लिए संदेश लिखे जाते हैं। व्योमिका सिंह के बारे में उनकी हिंदी की टीचर नीलम वासन ने लिखा था, “व्योम को छूने के लिए बनी हो।” इसका मतलब है कि तुम आसमान छूने के लिए पैदा हुई हो। नीलम वासन बताती हैं कि उन्हें वह दिन आज भी याद है जब व्योमिका उनके पास ऑटोग्राफ लेने के लिए आई थीं।
डिबेट में हिस्सा लेती थीं व्योमिका
70 साल की ज्योति बिष्ट बताती हैं कि व्योमिका हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही विषयों में अच्छी थी। ज्योति बिष्ट ने व्योमिका को 11th और 12th क्लास में अंग्रेजी पढ़ाई थी। वह The Indian Express को बताती हैं कि व्योमिका न सिर्फ पढ़ाई में बल्कि बास्केटबॉल खेलने में भी अच्छी थी। ज्योति ने बताया कि व्योमिका बहुत डिबेट में हिस्सा लेती थी।
पाकिस्तान को भारत की स्ट्राइक में हुआ जबरदस्त नुकसान, एक हफ्ते के लिए बंद किया रनवे
कक्षा 8 में व्योमिका सिंह को पढ़ाने वाली मंजू साहनी रहती हैं कि व्योमिका ने उनके स्कूल का नाम रोशन किया है। मंजू साहनी की उम्र अब 67 साल हो चुकी है।
व्योमिका की बचपन की दोस्त शालिनी रमन परक्कट बेंगलुरु में आर्टिस्ट हैं। शालिनी पुराने दिनों को याद करती हैं और कहती हैं, “वह (व्योमिका) कहती थी कि व्योम का मतलब हवा है और वह हवा में रहना चाहती है। इसलिए हम सभी सोचते थे कि वह पायलट या एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनेगी।”
शालिनी बताती हैं कि वह शारीरिक रूप से भी मजबूत थी। वह बताती हैं कि जब एक बार व्योमिका ट्यूशन पढ़ने जा रही थी तो दिल्ली में बस में एक लड़के ने उन्हें परेशान किया। व्योमिका बस से उतरने से पहले उस लड़के पर चिल्लाई। कम उम्र में भी वह डरती नहीं थी।
शालिनी कहती हैं कि 2013 तक हमें पता नहीं था कि हमारे क्लासमेट कहां है और बाद में हमने उन्हें एक स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा।
अच्छी दोस्त थी व्योमिका
व्योमिका की एक और दोस्त सुरुचि जैन बताती हैं कि व्योमिका और वह एक ही स्कूल से बस जाते थे। सुरुचि बताती हैं कि वह वसंत कुंज स्टॉप से बस में चढ़ती थी और व्योमिका एनसीईआरटी आईआईटी स्टॉप से। सुरुचि कहती हैं, “हम एक ही बेंच पर बैठते थे…वह हर चीज में ऑलराउंडर थी और सबसे बढ़कर, एक अच्छी दोस्त थी।”
‘भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर की स्ट्राइक, रावलपिंडी तक सुनाई दी धमक…’
