संसद के मानसून सत्र के दौरान सोमवार (1 अगस्त 2022) को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चल रही है। सोमवार को लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की गयी। यह चर्चा नियम 193 के अंतर्गत होगी। इसके लिए शिवसेना नेता विनायक राउत और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी नोटिस दिया था। वहीं, मनीष तिवारी ने सारे आंकड़े गिनाते हुए बताया कि 2017 से 2022 तक महंगाई कैसे बढ़ी।

पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में महंगाई पर चर्चा के दौरान कहा, “2017 में बेरोजगारी दर 4.77 प्रतिशत थी जो 2018 में बढ़कर 7% हो गयी और 2019 में बढ़कर 7.6 प्रतिशत हो गयी। ये दर 2020 में बढ़कर 9.1% हो गयी, 2021 में 7.9 प्रतिशत और जून 2022 में बेरोजगारी दर 7.8 प्रतिशत थी।

केवल 40 करोड़ लोगों के पास रोजगार: मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा, “किसी भी विकसित देश में यह मापदंड है कि दो-तिहाई लोगों को रोजगार मिलना चाहिए। पर आज की तारीख में भारत में केवल 40 करोड़ लोगों के पास रोजगार है और अगर हम खुद को विकसित देशों की श्रेणी में ले जाना चाहते हैं तो इस आंकड़े को 84 करोड़ तक ले जाना होगा।” उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि सरकार के पास इसे 40 से 84 करोड़ पहुंचाने की कोई रणनीति नहीं है।

मनरेगा में काम करने वालों की संख्या बढ़ी: कांग्रेस सांसद ने बताया, “बेरोजगारी के कारण मनरेगा में काम करने वालों की संख्या बढ़ी है। अप्रैल 2022 में 2.3 करोड़ लोगों को मनरेगा का सहारा लेना पड़ा। वहीं मई 2022 में 3.7 करोड़ लोगों को मनरेगा का सहारा लेना पड़ा और जून 2022 में यह संख्या बढ़कर 3.17 करोड़ हो गयी।” उन्होंने कहा कि 2006 में जबसे यह स्कीम शुरू हुई है यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है उन लोगों की जो अपना जीवनयापन मनरेगा के सहारे करने की कोशिश कर रहे हैं।

मनीष तिवारी ने आगे कहा, “देश में महंगाई पिछले 14 महीनों में डबल डिजिट में है। यह पिछले 30 साल में सबसे है। कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स बेहद तेजी से ऊपर जा रहा है। रोजाना के सामान जैसे पनीर, दही, चावल, पेंसिल और शार्पनर पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया। सरकार बच्चों को भी नहीं बख्श रही है।”