Supreme Court Dismisses FCI’s Petition: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और डिविजनल मैनेजर पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और उसकी स्पेशल लीव पिटीशन को भी खारिज कर दिया। साथ ही मौखिक तौर पर टिप्पणी की कि एसएलपी दायर करने की सलाह नहीं दी जानी चाहिए थी। मामला जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच के सामने लिस्टेड था। शुरुआत में ही बेंच ने टिप्पणी की कि वे याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाएंगे।

याचिकाकर्ताओं ने त्रिपुरा हाई कोर्ट द्वारा पारित 19 अक्टूबर 2023 के विवादित आदेश पर पुनर्विचार की मांग की थी। इस मामले को लेकर पहले एसएलपी दायर करके कोर्ट के सामने चुनौती दी गई थी। इसे सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने खारिज कर दिया था। फिर याचिकाकर्ता ने दोबारा से हाई कोर्ट का रूख किया और हाई कोर्ट ने इसे फिर से खारिज कर दिया। इसके बाद नई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी।

आपने याचिका दायर करने की हिम्मत कैसे की- जस्टिस बेला एम त्रिवेदी

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा, ‘इसे जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए। आपने इसे दायर करने की हिम्मत कैसे की? रिकॉर्ड पर वकील कौन है? बहस करें।’ याचिकाकर्ताओं की तरफ से वकील पुरुषोत्तम शर्मा त्रिपाठी पेश हुए। जस्टिस शर्मा ने कहा, ‘आपकी एसएलपी को आपकी सुनवाई के बाद खारिज कर दिया गया था। अब आप हाई कोर्ट के सामने पुनर्विचार याचिका दायर करें।’

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एफसीआई पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया जुर्माना

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि क्या आपको हाई कोर्ट जाने की आजादी दी गई थी। इस पर वकील ने साफ किया कि हाई कोर्ट जाने की छूट नहीं दी गई थी। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने कहा कि हम एफसीआई पर जुर्माना लगाएंगे। आपको इस तरह कोर्ट का वक्त बर्बाद करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। वकील के बार-बार आग्रह के बावजूद, सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माना लगाकर याचिका खारिज कर दी। साथ ही वकील ने कहा कि वह याचिका को वापस ले लेंगे। हालांकि, कोर्ट ने उनकी बात नहीं सुनी। जुर्माने की रकम सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस अथॉरिटी में जमा की जाएगी। क्या धर्म के आधार पर हो सकता आरक्षण? सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी पढ़ें पूरी खबर…