Section 377 Supreme Court Verdict: भारत की सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकता को कानूनी घोषित करते हुए ऐतिहासि​क फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पूरे देश में समलैंगिक समुदाय इस फैसले का जश्न मना रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के ​ललित होटल में फैसले का जश्न डांस करके मनाया गया। ललित ग्रुप आॅफ होटल्स के एक्जीक्यूटिव निदेशक केशव सूरी समलैंगिक अधिकारों के लिए काम करने वाले जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

अपने गले और कमर में सतरंगी स्कार्फ पहनकर होटल के स्टाफ ने फ्लैश मॉब का प्रदर्शन किया और होटल में जमकर डांस किया। होटल के स्टाफ ने अन्य लोगों को भी इस कार्यक्रम का आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित किया। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए होटल ललित समूह के एक्जीक्यूटिव निदेशक केशव सूरी ने कहा, ” जिन्होंने इस पर काम किया उन सभी वकीलों और न्यायाधीशों का इंटरव्यू लिया जाना चाहिए और धन्यवाद दिया जाना चाहिए। मैं कुछ भी नहीं हूं। लेकिन वे लोग हैं जिन्हें धन्यवाद दिया जाना चाहिए। ये बड़ी खुशियां मनाने का वक्त है।”

अपना ऐतिहासिक फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा,” हर किसी के चयन का सम्मान करना ही स्वतंत्रता का मूल है। समलैंगिक समुदाय भी संविधान के दायरे में समान अधिकार रखता है।” भारत के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अपना फैसला सुनाते हुए व्यक्तित्व के महत्व पर जोर दिया था। चीफ जस्टिस ने कहा,” मैं हूं, जो मैं हूं। इसलिए मुझे उसी तरह से स्वीकार करें जैसा मैं हूं। कोई भी अपनी विशिष्टता से बच नहीं सकता है।” चीफ जस्टिस आने वाले 2 अक्टूबर को रिटायर हो सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपना ही साल 2013 का फैसला पलट दिया और कहा कि आईपीसी की धारा 377, ब्रिटिश्‍ा  काल में सहमति से पुरुष समलैंगिक संबंधों पर लगाई गई विवादित धारा है। ये पक्षपातपूर्ण और मनमानी है। साल 1861 के कानून के तहत समलैंगिक संबंध बनाने पर 10 साल जेल की सजा हो सकती है। यद्यपि धारा 377 के तहत अभियोग सामान्य नहीं है। समलैंगिक कार्यकताओं का मानना था कि पुलिस इस कानून का इस्तेमाल उनके समुदाय के लोगों के उत्पीड़न और प्रताड़ना के लिए करती है।