बांग्लादेश के आतंकी समूह आतंकी गतिविधियों के लिए पश्चिम बंगाल के मदरसों का इस्तेमाल कर रहे हैं। गृह मंत्रालय ने संसद में इसका खुलासा किया है। गृह मंत्रालय ने बताया कि हमें खुफिया जानकारी प्राप्त हुई हैं कि जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) कथित तौर पर बर्दवान और मुर्शीदाबाद जिले के मदरसों में आतंकवादी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। इसके साथ ही इन दोनों स्थानों के मदरसों का इस्तेमाल युवाओं के कट्टरपंथीकरण और और संगठन में भर्ती के लिए किया जा रहा है।

गृहराज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया पश्चिम बंगाल सरकार और संबंधित एजेंसियों के साथ जानकारी नियमित रूप से साझा की जा रही है। ममता सरकार में मंत्री और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता पार्थ चटर्जी ने इस पर कहा ‘मैंने अभी सरकार का लिखित बयान नहीं पढ़ा है। सबसे पहले मैं बयान को पढूंगा और उसके बाद ही कोई प्रतिक्रिया दूंगा।’

मालूम हो कि सरकार ने जेएमबी को पहले ही आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है। इस संगठन पर आरोप है कि 2016 में बांग्लादेश में एक कैफे पर हमला किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस संगठन को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से वित्तीय मदद मिलती है। यह संगठन बांग्लादेश में चुनी हुई सरकार को खत्म कर शरिया शासन लागू करने की फिराक में है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तरफ इस बात का जमकर प्रचार किया गया था कि पश्चिम बंगाल में आतंकवादी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। सरकार ने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2019 से पहले और बाद में इस संगठन ने अपनी गतिविधियों में बढ़ोतरी की। इस दौरान अलग-अलग दलों के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या हुई।