देश के गृह मंत्री अमित शाह ने मुगल शासकों को लेकर जारी बहस के बीच कहा है कि ज्यादातर इतिहासकारों ने मुगलों के इतिहास को प्रमुखता दी। उन्होंने कहा कि इतिहासकारों ने पांड्य, चोल, मौर्य, गुप्त जैसे साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास को नजरअंदाज किया और मुगलों के इतिहास को प्रमुखता दी। अमित शाह के इस बयान पर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ यूजर्स ने गृह मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि वे कानून-व्यवस्था पर ध्यान दें।

अमित शाह के बयान पर एक यूजर (@Ahtesha66762703) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “देश दंगों की आग में झुलस रहा है और साहब की गाड़ी आज भी मुगलों पर रुकी हुई है।” एक यूजर (@Vikasfai) ने कहा, “इतिहास में घुसेंगे तो मुगल , वर्तमान में आएंगे तो नेहरू। बस इसी के इर्द-गिर्द मोदी मण्डल की जिंदगी गुजर रही है।”

दिल्ली में एक किताब के विमोचन के मौके पर अमित शाह ने कहा कि हमारा इतिहास लिखने से हमें कोई नहीं रोक सकता है। वहीं, इतिहासकारों द्वारा मुगलों को प्राथमिकता देने के उनके बयान पर एक यूजर (@brijmoh67585237) ने कहा, “इतिहास कभी नहीं बदला जाता, अगर बदल सकते हो तो लोगों का भविष्य बदलो।”

इसी तरह यूजर (@hoorsheikh_fiza) ने कहा, “कानून-व्यवस्था पर ध्यान दें, इतिहास के क्या लेना-देना अब?” एक अन्य यूजर (@Asifkamaal9) ने अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “देश की समस्या पर ध्यान दीजिए, चीन पर ध्यान दीजिए, इतिहास के चक्कर में भविष्य बर्बाद न करें देश का।”

शाह ने कई सामाज्यों का किया जिक्र

इसके पहले, गृह मंत्री ने कहा, “मैं इतिहासकारों को कुछ बताना चाहता हूं। कई ऐसे साम्राज्य हैं लेकिन इतिहासकारों ने केवल मुगलों पर ध्यान केंद्रित किया और ज्यादातर उनके बारे में लिखा है। पांड्य साम्राज्य ने 800 वर्षों तक शासन किया। अहोम साम्राज्य ने 650 वर्षों तक असम पर शासन किया। उन्होंने बख्तियार खिलजी और औरंगजेब को हराया और असम को संप्रभु बनाए रखा। पल्लव साम्राज्य ने 600 वर्षों तक शासन किया। चोलों ने 600 वर्षों तक शासन किया।”