केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को बस्तर दौरे पर थे। छत्तीसगढ़ में बस्तर ओलंपिक्स के समापन समारोह में शामिल होते हुए अमित शाह ने अगले पांच सालों में बस्तर को सबसे विकसित आदिवासी क्षेत्र बनाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि जिस इलाके में पहले लाल सलाम के नारे लगते थे, वहां अब भारत माता की जय के नारे सुने जा रहे हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि बस्तर माओवादी-मुक्त होने की कगार पर है।

अमित शाह ने बस्तर ओलंपिक्स के विजेताओं को किया सम्मानित

अमित शाह ने कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की एक टीम इस क्षेत्र से खिलाड़ियों को चुनने और उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक्स के लिए तैयार करने के लिए बस्तर में थी। जगदलपुर शहर में अपने भाषण के दौरान अमित शाह ने बस्तर ओलंपिक्स के दूसरे संस्करण के विजेताओं को सम्मानित किया। अमित शाह ने कहा, “SAI के अधिकारियों की एक टीम यहां बस्तर ओलंपिक्स में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की प्रतिभा को पहचानने आई है। हमारी सरकार ने बस्तर के खिलाड़ियों को उस स्तर तक ले जाने की व्यवस्था की है, जहां वे आने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स और 2036 ओलंपिक खेलों में भाग ले सकें।”

बस्तर अब बदल रहा है- अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर अब बदल रहा है और यह क्षेत्र अब डर के बजाय भविष्य का पर्याय बन गया है। उन्होंने कहा, “जहां पहले गोलियों की गूंज सुनाई देती थी, आज स्कूलों की घंटियां बज रही हैं। जहां सड़कें बनाना कभी एक सपना था, आज रेलवे ट्रैक और हाईवे बनाए जा रहे हैं। जहां पहले ‘लाल सलाम’ के नारे लगते थे, आज ‘भारत माता की जय’ के नारे सुने जा रहे हैं।”

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अमित शाह ने कहा कि पिछले साल बस्तर ओलंपिक्स में 1.65 लाख खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, जबकि इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 3.91 लाख हो गया है। ये लगभग 2.5 गुना ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की भागीदारी में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। इस उत्साह को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स के लिए छत्तीसगढ़ को चुना है।

‘नक्सल-मुक्त बस्तर आगे बढ़ेगा’

अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक्स में 700 से ज़्यादा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को भाग लेते हुए देखना बहुत अच्छा लगा। अमित शाह ने कहा, “बस्तर आकर मुझसे ज़्यादा खुश कोई नहीं हो सकता। हमने कहा था कि हम मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म कर देंगे और हम इसे खत्म करने की कगार पर हैं। जब मैं अगले साल (बस्तर ओलंपिक्स के लिए) आऊंगा, तो वह ऐसा समय होगा जब छत्तीसगढ़ समेत पूरे भारत से नक्सलवाद खत्म हो चुका होगा और नक्सल-मुक्त बस्तर आगे बढ़ेगा।”

बस्तर को पांच साल के अंदर भारत का सबसे विकसित आदिवासी क्षेत्र बनाने का वादा करते हुए अमित शाह ने कहा, “हमने पूरे बस्तर और भारत को नक्सलवाद से मुक्त करने का संकल्प लिया है। हमें यहीं नहीं रुकना चाहिए बल्कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के सात जिलों वाला बस्तर संभाग दिसंबर 2030 तक देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बन जाए। यह हमारी सरकार का संकल्प है कि बस्तर के हर व्यक्ति को घर, बिजली, शौचालय, नल से पीने का पानी, गैस सिलेंडर, 5 किलो अनाज और 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिले।”

अमित शाह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बस्तर को एक विकसित क्षेत्र बनाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा, “जब मैं विकसित शब्द का इस्तेमाल करता हूं, तो मेरा मतलब है कि बस्तर के हर गांव को सड़कों से जोड़ा जाएगा, बिजली होगी, 5 किलोमीटर के दायरे में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध होंगी, और हमारी सरकार PHC/CHC (प्राइमरी और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर) का एक घना नेटवर्क बनाने के लिए भी काम करेगी।”

अमित शाह ने माओवाद की तुलना सांप से की

अमित शाह ने कहा कि वन उत्पादों को प्रोसेस करने के लिए सहकारी इकाइयां स्थापित की जाएंगी और बस्तर सभी आदिवासी जिलों में सबसे ज़्यादा दूध का उत्पादन करेगा। माओवाद की तुलना सांप से करते हुए अमित शाह ने कहा, “हमारा लक्ष्य नक्सलवाद को खत्म करना है क्योंकि नक्सली कोबरा की तरह बैठे हैं, इस क्षेत्र के विकास पर अपना फन फैलाए हुए हैं। नक्सलवाद के खत्म होने के साथ ही इस क्षेत्र में विकास की एक नई शुरुआत होगी।”

अमित शाह ने सरेंडर करने वालों और नक्सलवाद के कारण घायल हुए लोगों के लिए बहुत आकर्षक पुनर्वास नीति का वादा किया। अमित शाह ने कहा कि माओवादियों को मारना सरकार का मकसद नहीं था। उन्होंने कहा, “राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाया गया ऑपरेशन सिर्फ मुठभेड़ में हथियारबंद माओवादियों को मारना नहीं था। 2,000 से ज़्यादा नक्सली युवाओं ने सरेंडर किया और इसमें सामुदायिक नेताओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है। मैं सामुदायिक नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे हथियारबंद नक्सलियों से बात करें और उन्हें मुख्यधारा में वापस लाएं।”