उत्तर कश्मीर के एक जंगल में आज हिज्बुल मुजाहिदीन के एक आतंकवादी का गोलियों से छलनी शव मिला। पुलिस को संदेह है कि इसके पीछे हिज्ब गुट से अलग हो चुके लश्कर-ए-इस्लाम का हाथ है।

पुलिस ने बताया, ‘‘बारामूला जिले के देवबग तंगमर्ग के एक जंगल से एक शव बरामद किया गया। शव की पहचान हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी फैयाज अहमद भट के रूप में हुई है।’’ उन्होंने बताया कि संगठन का एक ‘कमांडर’ भट वैलो पट्टन का निवासी था।

लाथ मिलने के बाद घाटी में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। इसे रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। हत्या की वजह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-इस्लाम के बीच जारी टकराव को माना जा रहा है।

पुलिस ने बताया, ‘‘भट सेना की वर्दी में था और उस पर बंदूक की गालियों के घाव थे।’’ पुलिस को संदेह है कि आतंकवादी अब्दुल कय्यूम नजर द्वारा संचालित संगठन लश्कर-ए-इस्लाम द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया है।

नजर अपना संगठन बनाने के लिए हिज्बुल मुजाहिदीन से अलग हो गया था। पुलिस का कहना है कि इस वर्ष मई और जून में संगठन ने मोबाइल टावरों और अन्य दूरसंचार प्रतिष्ठानों पर कई सारे हमले किये थे।

ऐसा माना गया है कि जिले के सोपोर क्षेत्र में इस वर्ष कुछ अलगाववादी कार्यकर्ताओं की हत्या के पीछे इस संगठन का हाथ था।

सोमवार को, पट्टन इलाके के दंगेरपोरा में तीन आतंकवादियों के गोलियों से छलनी शव मिले थे। ऐसा माना गया था कि ये लश्कर-ए-इस्लाम से संबंधित आतंकवादी थे। हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाउद्दीन ने बताया कि तीनों उसके संगठन के थे।