इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच रिश्तों को सामान्य करने को लेकर सहमति हो गई है। अमेरिका की मध्यस्थता में समझौता हुआ है। समझौते की अहम घोषणा के तहत कदम उठाते हुए इजराइल ने फिलहाल वेस्ट बैंक (पश्चिमी तट) के बड़े हिस्सों पर कब्जा करने की अपनी योजना स्थगित कर दी है।

इस समझौते के बारे में संयुक्त बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अबु धाबी के शहजादे मोहम्मद अल नाह्यान ने कहा कि इस ऐतिहासिक सफलता से पश्चिम एशिया में शांति बढ़ने की उम्मीद है।

अभी तक इजराइल का खाड़ी के अरब देशों के साथ कोई राजनयिक संबंध नहीं था। अब संयुक्त अरब अमीरात (यूएइ) और इजराइल पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए सहमत हो गए हैं। इजराइल से समझौता करने वाला यूएई तीसरा अरब देश बन गया है। 1948 में इजराइल के आजाद होने के बाद से यह तीसरा इजराइल-अरब समझौता है। मिस्र ने 1979 में और जॉर्डन ने 1994 में समझौता किया था। समझौते से माना जाता है कि दोनों देशों के बीच दोस्ती की नई इबारत कायम होगी।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल आने वाले हफ्तों में निवेश, पर्यटन, सीधी उड़ान, सुरक्षा, दूरसंचार और अन्य मुद्दों पर द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। दोनों देशों से जल्द ही राजदूतों और दूतावासों के आदान-प्रदान की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा दोनों देश अबुधाबी से तेल अवीव तक उड़ान की शुरुआत भी करेंगे, जिससे यूएई के मुसलमान यरुशलम के ओल्ड सिटी में अल-अक्सा मस्जिद जा सकेंगे।

इस समझौते को लेकर ट्रंप ने कहा, अब जब बर्फ पिघल ही गई है तो मुझे उम्मीद है कि कुछ और अरब-मुस्लिम देश संयुक्त अरब अमीरात का अनुसरण करेंगे। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इस समझौते को ऐतिहासिक करार दिया है। उन्होंने टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा कि वेस्ट बैंक पर कब्जा करने की योजना फिलहाल स्थगित कर दी है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस योजना से जुड़े सभी दस्तावेज फाइलों में बंद नहीं कर दिए जाएंगे, बल्कि उनके सामने ही रहेंगे।

अभी तक अरब देशों के साथ इजराइल के कोई राजनयिक संबंध नहीं थे। लेकिन ईरान से संबंधित चिंताओं के चलते अब इन दोनों देशों के बीच अनौपचारिक संपर्क की शुरुआत हो गई है। बताया जाता है कि फलस्तीनी नेता कथित तौर पर इस समझौते पर हैरान हैं। फलस्तीन सरकार ने यूएई में अपने राजदूत को भी वापस बुला लिया है। ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने भी इस समझौते को शर्मनाक बताया है।

इजराइल और यूएई के बीच इस समझौते से डोनाल्ड ट्रंप प्रसन्न हैं। इसे इस साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले उनकी विदेश नीति की जीत की तरह देखा जा रहा है। कोरोना को लेकर अपनी साख को काफी नुकसान पहुंचा चुके डोनाल्ड ट्रंप इसे चुनाव में जरूर भुनाने की कोशिश करेंगे।

वाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार जेरेड कुश्नर, इजराइल में अमेरिकी राजदूत डेविड फ्रीडमैन और मध्य पूर्व के दूत एवी बर्कोविट्ज इस समझौते को पूरा कराने के पीछे दिन रात एक किए हुए थे। इसके अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन भी दोनों देशों से लगातार बातचीत कर रहे थे।

पश्चिमी तट की बस्ती वेस्ट बैंक में बनाई गई यहूदी बस्तियों को लेकर विवाद बना रहा है। इस क्षेत्र में 30 लाख लोग निवास करते हैं। इनमें 86 फीसद यानी करीब 25 लाख फलस्तीनी हैं और 14 फीसद यानी चार लाख 27 हजार 800 इजराइली हैं। इनमें से अधिकतर इजराइली बस्तियां 70, 80 और 90 के दशक में बसाई गई थीं। फलस्तीनी अपने कब्जे वाले वेस्ट बैंक, पूर्वी येरुशलम और गाजा पट्टी को मिला कर अपना एक देश बनाना चाहते हैं।