नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। इंडिया टुडे से बातचीत में कहा है कि वह फिर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद पर नहीं देखना चाहते। मोदी के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था ने गलत दिशा में छलांग लगाई है। केंद्र सरकार तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को पीछे की ओर ले जा रही है।अमर्त्य सेन ने शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दे पर भी सरकार से निराशा जताई है।
दिल्ली में अपनी किताब-भारत और उसके विरोधाभास के लोकार्पण के मौके पर अमर्त्य सेन ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के मामलों में मोदी सरकार ने बदतर काम किया है। इंडिया टुडे अंग्रेजी को दिए इंटरव्यू में अमर्त्य सेन ने कहा कि हिंदुत्व की राजनीति भारत की राजनीति की राह में रोड़ा है।
राजदीप सरदेसाई से बातचीत में अमर्त्य सेन ने कहा कि हिंदुत्व को लेकर पहचान की राजनीति बहुत घातक है। यह विचार लोकतंत्र, सिविल सोसाइटी और आर्थिक मुद्दों के लिहाज से बहुत खतरनाक है।उन्होंने कहा कि वर्तमान मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को गलत दिशा में धकेलने का काम किया है।उन्होंने कहा कि सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होने के बावजूद 2014 से गलत दिशा में छलांग लगाने के कारण भारत की स्थिति खराब हुई है।
Hindutva is a danger to India’s progress in every area, says Amartya Sen, Nobel laureate#NewsToday
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उन्होंने कहा कि बीस साल पहले अर्थव्यवस्था के मामले में पहले भारत, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और भूटान जैसे छह देशों में भारत श्रीलंका के बाद दूसरे बेहतर देश के रूप में था, अब यह दूसरा सबसे खराब देश है। पाकिस्तान ने भारत को सबसे खराब देश होने से बचा कर रखा है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित इस अर्थशास्त्री ने कहा कि सरकार की अनदेखी से देश में असमानता बढ़ती जा रही है। अनुसूचित जातियों की उन्होंने विकास और सुविधाओं के मामले में सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया।