हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में पुलिस ने बिजनौर के दो मौलानाओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। दरअसल कमलेश तिवारी की पत्नी किरन ने पुलिस को दी अपनी तहरीर में बिजनौर के मुफ्ती नईम काजमी और मौलाना अनवारुल हक पर उनके पति की हत्या करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने नईम और अनवारुल के खिलाफ हत्या और साजिश रचने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि कमलेश तिवारी द्वारा पैगंबर मुहम्मद के बारे में विवादित बयान देने के बाद दोनों मौलानाओं ने कमलेश तिवारी का सिर कलम करने के एवज में डेढ़ करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था।

कमलेश तिवारी के परिचित थे हत्यारेः बता दें कि शुक्रवार को कमलेश तिवारी की लखनऊ के खुर्शेदबाग स्थित घर में बने पार्टी कार्यालय में निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने कमलेश तिवारी का चाकू से गला रेत दिया था और फिर उन्हें तमंचे से गोली भी मारी गई। हत्यारे कमलेश तिवारी के परिचित बताए जा रहे हैं और भगवा कुर्ते पहनकर आए थे। कमलेश तिवारी ने अपनी पत्नी से चाय-नाश्ते का इंतजाम करने के लिए भी कहा था और दोनों हत्यारे करीब आधे घंटे तक कमलेश तिवारी के साथ रहे और फिर हत्या को अंजाम देकर फरार हो गए।

पुलिस ने इलाके की सीसीटीवी फुटेज खंगाली है, जिसमें हत्यारे दिखाई दे रहे हैं और इत्मीनान से पैदल जाते दिख रहे हैं। पुलिस का मानना है कि हत्यारे इलाके से पूरी तरह वाकिफ थे और यही वजह रही कि वह किसी वाहन से आने के बजाय पैदल आए, ताकि घिरने की स्थिति में पैदल ही गलियों से भाग सकें।

मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठनः कमलेश तिवारी हत्याकांड की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एसआईटी का गठन कर दिया है। आईजी रेंज एसके भगत के नेतृत्व में एसआईटी का गठन हुआ है। वहीं एसपी क्राइम दिनेश पुरी और एसटीएफ के सीओ पीके मिश्र को भी एसआईटी टीम में शामिल किया गया है।

गुमराह करने की हो सकती है साजिशः घटनास्थल से पुलिस को सूरत की मिठाई का एक डिब्बा मिला है। पुलिस का मानना है कि हत्यारे या तो गलती कर गए हैं या फिर वह जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल अहमदाबाद एटीएस ने गुजरात से दो संदिग्ध आईएसआईएस आतंकियों को पकड़ा था, जिन्होंने कमलेश तिवारी को टारगेट करने की बात कही थी। ऐसे में माना जा रहा है कि हत्यारों ने जांच को गुमराह करने के लिए भी सूरत की मिठाई के डिब्बे का इस्तेमाल किया हो सकता है।

पुलिस का यह भी मानना है कि हत्यारे जानबूझकर भगवा कुर्ता पहनकर आए थे, ताकि जांच को गुमराह किया जा सके। इसके अलावा पुलिस कॉन्ट्रैक्ट कीलिंग को लेकर भी जांच कर रही है।

अल हिंद संगठन ने ली जिम्मेदारीः सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें कमलेश तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी अल हिंद नामक आतंकी संगठन ने ली है। यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि वह इसकी जांच करा रहे हैं।

विवादों से रहा है कमलेश तिवारी का नाताः बता दें कि हिंदू समाज पार्टी का गठन करने से पहले कमलेश तिवारी हिंदू महासभा से जुड़े रहे थे। इसी दौरान साल 2015 में उन्होंने पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ विवादित बयान दिया था। इसे लेकर काफी हंगामा भी हुआ था और कमलेश तिवारी को गिरफ्तार भी किया गया था। मुस्लिम समाज के लोगों ने कमलेश तिवारी को फांसी देने की मांग तक कर डाली थी। कमलेश तिवारी पर रासुका के तहत कार्रवाई हुई थी और अभी वह जमानत पर बाहर चल रहे थे।