Language Row: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को केंद्र और राज्यों में ऑफिशियल वर्क के लिए भारतीय भाषाओं के इस्तेमाल पर फिर से जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं पूरे दिल से मानता हूं कि हिंदी किसी भी भारतीय भाषा की दुश्मन नहीं हो सकती। हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की मित्र है और हिंदी और भारतीय भाषाएं मिलकर हमारे स्वाभिमान कार्यक्रम को उसके अंतिम लक्ष्य तक पहुंचा सकती हैं।’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘किसी भाषा का विरोध नहीं है, किसी विदेशी भाषा का विरोध नहीं होना चाहिए, लेकिन आग्रह अपनी भाषा के गौरव का होना चाहिए, आग्रह अपनी भाषा बोलने का होना चाहिए, आग्रह अपनी भाषा में सोचने का होना चाहिए। हमें गुलामी की मानसिकता से मुक्त होना चाहिए और जब तक व्यक्ति अपनी भाषा पर गर्व नहीं करेगा, अपनी भाषा में अपनी बात नहीं कहेगा, तब तक हम गुलामी की मानसिकता से मुक्त नहीं हो सकते।’

हमारी भाषाएं भारत को एकजुट करने का जरिये बनें – अमित शाह

बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने आगे कहा, ‘पिछले कुछ दशकों में भाषा का इस्तेमाल भारत को बांटने के साधन के रूप में किया गया। वे इसे तोड़ नहीं पाए, लेकिन प्रयास किए गए। हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारी भाषाएं भारत को एकजुट करने का एक सशक्त माध्यम बनें। इसके लिए राजभाषा विभाग काम करेगा। मुझे विश्वास है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में जो नींव रखी जा रही है, उससे 2047 में एक महान भारत का निर्माण होगा और महान भारत बनाने के रास्ते पर हम अपनी भारतीय भाषाओं का विकास करेंगे, उन्हें समृद्ध बनाएंगे, उनकी उपयोगिता बढ़ाएंगे। अमित शाह ने कहा कि सरकारी कामकाज में भारतीय भाषाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होना चाहिए, सिर्फ केंद्र सरकार में ही नहीं बल्कि राज्य सरकार में भी। इसके लिए हम राज्यों से भी संपर्क करेंगे, उन्हें समझाने और राजी करने की कोशिश करेंगे।’

जब भाषा बन जाए आत्मसम्मान का सवाल

भारतीय भाषाओं का भविष्य उज्ज्वल – अमित शाह

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘JEE, NEET, CUET के पेपर अब 13 भाषाओं में हो रहे हैं। पहले CAPF की कांस्टेबल भर्ती के लिए आप केवल इंग्लिश या हिंदी में ही आवेदन कर सकते थे। हमने इसे लचीला बनाया और 13 भाषाओं में परीक्षा की इजाजत दी और आज मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि 95 फीसदी उम्मीदवार अपनी मातृभाषा में कांस्टेबल परीक्षा दे रहे हैं। यह बताता है कि आने वाले दिनों में भारतीय भाषाओं का भविष्य कितना उज्ज्वल है।’

हम किसी भाषा से नफरत नहीं करते – उद्धव ठाकरे

शिवसेना यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी भाषा के आधार पर लोगों में विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है और सत्तारूढ़ पार्टी पर महाराष्ट्र में लैंग्वेज इमरजेंसी लगाने का आरोप लगाया। मीडिया से बातचीत में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने कहा कि उनकी पार्टी हिंदी के विरोध में नहीं है, लेकिन मुख्य तौर पर मराठी भाषी राज्य में इसे लागू करने के खिलाफ है।

ठाकरे ने कहा, ‘हम किसी भाषा का विरोध या नफरत नहीं करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी भी भाषा को लागू करने की इजाजत देंगे।’ उन्होंने दावा किया, ‘बीजेपी भाषा के आधार पर लोगों में विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का छिपा हुआ एजेंडा हिंदी को लागू करना है। ‘वह दिन दूर नहीं जब अंग्रेजी बोलने वालों को आएगी शर्म’, अमित शाह ने भारतीय भाषाओं को लेकर कही बड़ी बात पढ़ें पूरी खबर…