असम में बीफ पर प्रतिबंध संबंधी कानून लागू होने के बाद मंगलवार को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई। पुलिस ने 100 से ज्यादा ढाबों पर छापे मारे और एक हजार किलो से ज्यादा बीफ जब्त किया गया। असम के आईजीपी अखिलेश कुमार सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मंगलवार रात 8 बजे तक राज्य भर में 112 ढाबों की तलाशी ली गई। इसके बाद 132 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 1,084 किलो से ज्यादा संदिग्ध बीफ जब्त किया गया।

असम में पिछले एक महीने से अभियान बहुत तेजी से चल रहा है। धुबरी, ग्वालपाड़ा और लखीमपुर में मंदिरों के पास से संदिग्ध मवेशियों के अवशेष बरामद होने की अलग-अलग घटनाओं के बाद अकेले धुबरी में 150 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया गया था। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आरोप लगाया था कि ये घटनाएं ईद उल जुहा के बाद से अशांति पैदा करने की कोशिश का हिस्सा थीं।

मवेशियों की हत्या को लेकर और कड़े होंगे कानून

राज्य में कई जगहों पर की गई छापेमारी

पिछले महीने सीएम सरमा ने कहा था कि सरकार इन घटनाओं के जवाब में असम कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट, 2021 को सख्त करेगी। हालांकि, यह एक्ट बीफ के उपभोग पर किसी तरह का बैन नहीं लगाता है। लेकिन इसमें एक ऐसी भी धारा है जो बीफ और बीफ प्रोडक्ट पर बैन लगाती है, जहां हिंदू, जैन, सिख और अन्य गैर-गोमांस खाने वाले समुदाय मुख्य रूप से रहते हैं। पिछले साल दिसंबर में सरमा ने राज्य में रेस्टोरेंट और सामुदायिक समारोह सहित सार्वजनिक तौर से बीफ खाने पर पूरी तरह से बैन लगाने की घोषणा की थी। हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई भी कानून या संसोधन पारित नहीं हुआ है। मंगलवार को राज्य के सभी हिस्सों में छापेमारी की गई।

काली मंदिर के ठीक सामने चल रहा था ढाबा

पूर्वी असम के सबसे बड़े शहर डिब्रूगढ़ में एसएसपी वीवी राकेश रेड्डी ने बताया कि मंगलवार शाम तक तीन ढाबों पर छापेमारी की गई। उन्होंने कहा, ‘यह बीफ बेचने के खिलाफ और असम कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट को लागू करने के लिए की गई कार्रवाई है। हमने शहर के तीन होटलों पर छापेमारी की और उनसे 15 किलो संदिग्ध बीफ बरामद किया। हमने तीन व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया। इनमें से एक ढाबा काली मंदिर के ठीक सामने चल रहा था। इस तरह की तलाशी जारी रहेगी।’ सेंट्रल असम के नागांव जिले में एसपी स्वप्ननील डेका ने बताया कि 15 ढाबों में छापेमारी के बाद मंगलवार शाम तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया। ये छापे होजाई, कामरूप, कोकराझार, दरांग और मोरीगांव सहित अन्य जिलों में मारे गए थे। असम की BJP सरकार का बड़ा फैसला