हिमाचल प्रदेश में फिर बड़ा खेल हो गया है। विक्रमादित्य सिंह ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल से ‘कांग्रेस’ और ‘मंत्री’ हटा दिया है। उनकी तरफ से प्रोफाइल में सिर्फ ‘हिमाचल का सेवक’ लिखा गया है। ये बड़ी बात है क्योकि कुछ दिन पहले तक चर्चा चल रही थी कि विक्रमादित्य कांग्रेस छोड़ सकते हैं। वे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी नाराज बताए जा रहे थे, इसी वजह से क्रॉस वोटिंग भी राज्यसभा चुनाव के दौरान देखने को मिल गई थी।
बड़ी बात ये रही कि हाईकमान से मिलने के बाद विक्रमादित्य ने अपना इस्तीफा वापस लेने से ही मना कर दिया था, सभी को लगा कि हिमाचल का संकट टल गया। लेकिन अब उसी संकट में एक बड़ा नाटकीय मोड़ आ गया है, विक्रमादित्य ने फेसबुक प्रोफाइल से कांग्रेस और मंत्री दोनों शब्द ही हटा लिए हैं। ये सबकुछ तब हुआ है जब ऐसी भी अटकलें चलीं कि बीजेपी हिमाचल में सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है।
डीके शिवकुमार ने अपनी तरफ से जरूर साफ कर दिया था कि सीएम सुक्खू ही रहने वाले हैं और उन्हीं के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार पांच साल पूरे करेगी, लेकिन जमीन पर अब जैसे हालात बन रहे हैं, आने वाले दिनों में सियासी हलचल और ज्यादा बढ़ सकती है। हैरानी की बात ये है कि ये सारा घटनाक्रम तब हो रहा है जब स्थिति संभल चुकी थी।
इससे पहले विक्रमादित्य ने कहा था कि हमने प्रेक्षक से वार्तालाप किया है और वर्तमान में जो परिस्थितियां बनी हुई हैं उसके बारे में पर्यवेक्षक को जानकारियां दी हैं इसलिए जब तक निर्णय नहीं लिया जाता तब तक मैं अपने इस्तीफे पर दबाव नहीं डालूंगा। वे सभी विधायक से बात कर रहे हैं उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। अब इस बयान के बाद अगर फिर उनका मन बदला है तो ये कांग्रेस के लिए शुभ संकेत नहीं माने जा सकते।