हिमाचल प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में अभी हाल ही में हुए राज्य सभा चुनावों में विधायकों के क्रास वोटिंग करने और पार्टी लाइन से अलग हटकर बयानबाजी से कई दलों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसका सबसे ताजा उदाहरण हिमाचल प्रदेश में दिखा। यहां सरकार गिरने की नौबत आ गई थी। हालांकि सरकार बच गई, लेकिन सरकार के अंदर सहयोगी मंत्रियों और विधायकों के बीच जिस तरह की तनातनी दिख रही है, उससे हालात अच्छे नजर नहीं आ रहे हैं।

बैठक का वायरल वीडियो में साफ दिखी नाराजगी

शनिवार को शिमला में कैबिनेट की बैठक के दौरान ही शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर उठकर चल दिए। उनको बैठक छोड़कर निकलते देख डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री उनको मनाने के लिए पीछे-पीछे भागे। कुछ देर में मान-मनौव्वल करके वे उनको वापस लाए। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी वायरल होने लगा है। इसमें उनकी नाराजगी साफ झलक रही है।

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का दावा- सरकार स्थिर

इसके अलावा वरिष्ठ मंत्री विक्रमादित्य सिंह, जगत सिंह नेगी मीटिंग में आए ही नहीं। दो अन्य मंत्री चंडीगढ़ चले गये। इससे सरकार के अंदर मतभेद गहराते जा रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का दावा है कि सरकार स्थिर है।

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की हार के बाद से ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ माहौल बदलने लगा। पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद भी कुछ विधायकों ने पार्टी से बगावत करते हुए बीजेपी के प्रत्याशी को वोट दिया। इससे बीजेपी राज्यसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी को जीत दिलाने में सफल हो गई।

इस बीच कांग्रेस के बागी विधायक राजेंद्र राणा ने यह दावा करके खलबली मचा दी है कि सीएम सुक्खू के काम करने के तरीके से पार्टी के 9 और विधायक घुटन फील कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये सभी विधायक उनके संपर्क में हैं। इससे ऐसा लगता है कि सरकार की स्थिरता पर संकट बरकरार है। एक महीने बाद देश में लोकसभा चुनाव होने वाला है। राज्यसभा चुनाव में जिस तरह का मतभेद देखा जा रहा है, उससे यह कहीं नहीं दिखता है पार्टी एकजुटता के साथ अपने उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेगी। राज्यसभा की तरह लोकसभा चुनाव में भी टकराव होने की पूरी आशंका है।