Shimla Mosque Protest: शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद परिसर में अवैध निर्माण को लेकर बुधवार को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने करीब 5:30 घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन में हजारों स्कूली बच्चे भी फंस गए। इन सभी बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों ने स्थानीय प्रशासन की जमकर आलोचना की। ऐसा उन्होंने इस वजह से किया क्योंकि पांच या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाने के आदेश के बाद भी स्कूल जैसे शैक्षणिक संस्थानों को खुला रखने की इजाजत दी गई। तनाव को बढ़ता हुआ देखकर वे अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूल की तरफ दौड़ते हुए देखे गए।
संजौली के इंजन घर वार्ड के रहने वाली संतोष देवी ने बताया कि मेरा सात साल का बेटा आमतौर पर अपने दोस्तों के साथ में स्कूल से घर आता है। लेकिन आज मुझे उसके स्कूल से मैसेज मिला कि मैं इलाके में तनाव की वजह से लेने आ जाऊं। मैंने एक मिनट भी बर्बाद नहीं किया और स्कूल की तरफ दौड़ पड़ी। रास्ते में मुझे बड़े-बड़े बैरिकेड्स मिले। यहां पर नारेबाजी की जा रही थी। पुलिस के लाठीचार्ज करने के बाद ही इलाके को खाली कराया जा सका।
प्रशासन को बंद रखने चाहिए थे शिक्षण संस्थान
संजौली के ढिंगू धार के मनोज शर्मा ने कहा कि प्रशासन को आज शिक्षण संस्थानों को बंद ही रखना चाहिए था। यह उनकी लापरवाही थी। बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डाला गया। यह तनाव सिर्फ एक दो दिन में कम होने वाला नहीं है। संजौली के मोनाल पब्लिक स्कूल में अभिभावक अपने बच्चों को घर ले जाते देखे गए। अभिभावक यह पता लगाने के लिए भी जूझ रहे थे कि वह किस रास्ते से स्कूल आएं और किस रास्ते से वापस अपने घर पर जाएं। एक शख्स को छात्रों और उनके अभिभावकों को सही रास्ता बताते हुए भी देखा गया।
स्कूल की एडमिनिस्ट्रेटिव इंचार्ज रितु शर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हमने जिला प्रशासन से मंजूरी मिलने के बाद ही अभिभावकों को मैसेज भेजे और फोन किए। हम ज्यादातर अभिभावकों को जानते थे। हालांकि, बाहर तनाव काफी वास्तविक है, लेकिन हमने अभिभावकों से संपर्क करने से पहले जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन किया। उन्होंने कहा कि हमारा स्कूल 12वीं तक है, लेकिन हम सीनियर छात्रों को भी अकेले घर जाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। हमने उनके माता-पिता को भी बुलाया है।
डिप्टी कमिश्नर ने लोगों को दिया भरोसा
मंगलवार को शिमला के डिप्टी कमिश्नर अनुपम कश्यप ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आईसीपीसी 2023 की धारा 163 का इस्तेमाल करते हुए निषेधाज्ञा जारी की। आदेशों के तहत पांच या उससे ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर सख्त पाबंदी है। यह आदेश बुधवार सुबह 7 बजे से रात 11.50 बजे तक लागू रहेगा। लेकिन स्कूल, कॉलेज, सरकारी और प्राइवेट ऑफिस और बाजार रोजाना की तरह ही खुले।
अपने आदेश में कश्यप ने कहा कि लोगों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होगी। कश्यप ने आदेश जारी करते हुए कहा कि संजौली एरिये में बिना इजाजत के किसी को भी विरोध प्रदर्शन, धरना या भूख हड़ताल करने की परमिशन नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, अस्पतालों, अदालतों, शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी बैन रहेगा। हालांकि, इन सब के बाद भी पड़ोसी जिलों समेत हजारों लोग संजौली में इकट्ठा हुए और मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।