Shimla Eid Celebration Controversy: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक प्राइवेट स्कूल के मैनेजमेंट ने बच्चों के लिए ईद मनाने को लेकर सर्कुलर जारी किया, जिस पर विवादों हो गया है। इसको लेकर सोशल मीडिया से लेकर सड़क पर हिंदू नेताओं और अभिभावकों ने सवाल उठाए हैं। इस मामले में अब शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का बयान भी सामने आ गया है।

दरअसल, शिमला के निजी ऑकलैंड हाउस स्कूल ने बच्चों को ईद के लिए स्कूल में कुर्ता, पायजामा और टोपी पहनकर आने के लिए कहा था। साथ ही ईद के मौके पर टिफिन में सेवइयां लाने को भी कहा था। 31 मार्च को होने वाली ईद से पहले बच्चों को ये सारे काम करने और ईद मनाने को लेकर जारी प्रावधान पर बवाल मच गया है।

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स्कूल के फरमान पर बवाल

इस मुद्दे पर देवभूमि संघर्ष समिति ने भी इसका विरोध किया है। देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि यह संविधान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर स्कूल अपने ऑर्डर वापस नहीं लेता है तो स्कूल का घेराव किया जाएगा। ईद सेलिब्रेशन के फरमान को लेकर स्कूल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

स्कूल के बाहर भारी धरना प्रदर्शन

देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा है कि यह स्कूल की सोची समझी साजिश है। इस आदेश के जरिए हिमाचल प्रदेश में इस्लाम को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। यह पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण ह। स्कूल प्रबंधन का आदेश सामने आने के बाद सोमवार सुबह से ही कई संगठनों ने स्कूल के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

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विवाद बढ़ने पर क्या बोले शिक्षा मंत्री?

स्कूल के फरमान पर बढ़े विवाद को लेकर हिमाचल के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि आज मुझे मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से इस मामले की जानकारी मिली। हम विवरण की पुष्टि करेंगे, क्योंकि जिस स्कूल का नाम लिया जा रहा है, वह यहां का एक सुस्थापित, प्रतिष्ठित कॉन्वेंट संस्थान है। हिमाचल प्रदेश अपने सांप्रदायिक सद्भाव और सद्भावना के लिए जाना जाता है, और हम सुनिश्चित करेंगे कि यह बरकरार रहे।

मत्री ने कही जांच करने की बात

शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैंने पूरे मामले की जानकारी जुटाई है, क्योंकि आज के सोशल मीडिया के युग में ऐसे मुद्दों को बढ़ने में देर नहीं लगती। हम सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने के पक्ष में हैं। हमारा सामाजिक ताना-बाना सभी धर्मों के प्रति सम्मान के साथ बरकरार रहना चाहिए। यही वह चीज है जिसे हम बनाए रखने का प्रयास करेंगे। इस मुद्दे को केवल सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के लिए बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। मामले की जांच की जाएगी।

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