Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार लगातार आर्थिक तंगी का सामना कर रही है। इस बीच अब उसे हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है क्योंकि कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि वह प्रदेश के 18 सरकारी होटलों को तुरंत प्रभाव से बंद करे। इनको बंद करने का आदेश इसलिए दिया गया है क्योंकि ये आर्थिक घाटे का सामना कर रहे हैं।
हाई कोर्ट ने जिन होटलों को बंद करने का आदेश दिया है, उनमें द पैलेस होटल चायल, होटल गीतांजलि डलहौजी, होटल बाघल दाड़लाघाट, होटल धौलाधार धर्मशाला, होटल कुणाल धर्मशाला, होटल कश्मीर हाउस धर्मशाला, होटल एप्पल ब्लॉसम फागू, होटल चंद्रभागा केलांग, होटल देवदार खजियार, होटल गिरीगंगा खड़ापत्थर, होटल मेघदूत क्यारीघाट, होटल सरवरी कुल्लू, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल हडिम्बा कॉटेज मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल द कैसल नग्गर कुल्लू और होटल शिवालिक परवाणू शामिल हैं।
हाई कोर्ट ने क्यों दिया होटल बंद करने का आदेश?
हिमाचल हाई कोर्ट के जस्टिस अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंधन निदेशक आदेश दिया है कि वे इन होटलों को बंद करने के आदेश का पालन करें। कोर्ट ने कहा है कि इस आदेश का कारण आर्थिक तंगी है और कोर्ट का कहना है कि सरकार का पैसा इन सफेद हाथियों के मेंटनेंस में बर्बाद न हो।
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कोर्ट ने कहा- मुनाफा नहीं कमा पा रहे होटल
बता दें कि सरकार द्वारा कोर्ट को विभाग के कुल 56 होटलों द्वारा किए व्यवसाय से जुड़ी जानकारी रखी गई थी। इस जानकारी को खंगालने के बाद कोर्ट ने उपरोक्त होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा कि ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट ने कहा कि पर्यटन विकास निगम अपनी इन संपत्तियों का इस्तेमाल मुनाफे के लिए नहीं कर पाया है, जिसके चलते उन्हें इसे बंद कर देना चाहिए।
होटलों का चलाना सरकार के लिए बोझ
कोर्ट ने कहा कि इन होटलों का संचालन अगर जारी रखा जाता है तो यह स्वाभाविक तौर पर राज्य के खजाने पर बोझ के अलावा और कुछ नहीं है। न्यायालय इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान ले सकता है कि राज्य सरकार अदालत के समक्ष आए वित्त से जुड़े मामलों में दिन प्रतिदिन वित्तीय संकट की बात कहती रहती है।