बॉम्बे हाईकोर्ट में एक ऐसी केस की सुनवाई हुई, जो दिल को झकझोर देने वाला है। 8 साल की मासूम बच्ची को उसका पड़ोसी यौन उत्पीड़न का शिकार बनाता रहा। जब बच्ची चौथी कक्षा में थी जब उसके साथ इन घिनौनी वारदात को अंजाम दिया गया। 9 साल तक यह आरोपी उसके साथ गलत काम करता रहा। पीड़िता ने बड़ी होकर अपनी मां को इसकी जानकारी दी। उसे अपनी नोटबुक में भी इसका सिलसिलेवार जिक्र किया। इस घटना से बच्ची सदमे में चली गई। हाईकोर्ट भी पूरे मामले को जानकर हैरान रह गया। पीड़िता की मानसिक और शारीरिक स्थिति को बताने के लिए कोर्ट के पास भी शब्द नहीं थे। इस मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया।
9 साल तक होता रहा यौन उत्पीड़न
पीड़िता जब 8 साल की थी तभी से आरोपी उसका यौन उत्पीड़न कर रहा था। 9 साल तक उसका यौन उत्पीड़न किया गया। इसको लेकर पीड़िता ने 27 पन्नों में हैवानियत की पूरी कहानी लिखी है। जिसमें उसने बताया है कि उसके पड़ोसी ने उसके साथ यौन उत्पीड़न शुरू किया। पड़ोसी की तरफ से उसे धमकियां भी दी गईं। इस सबसे परेशान होकर पीड़िता की ओर से आत्महत्या की कोशिश की गई और एक समय स्थिति ऐसी आ गई कि वो निम्फोमैनिएक का शिकार हो गई। उसका अपनी वासना पर कोई कंट्रोल नहीं था। वो इससे निकलने के लिए धूम्रपान करने लगी।
पीड़िता ने खो दिया था यौन इच्छाओं पर नियंत्रण
हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा कि 8 साल की बच्ची के साथ लगातार यौन शोषण करना अक्षम्य अपराध है। पीड़िता सदमे में निम्फोमैनिएक का शिकार हो गई। जिसका अर्थ है कि एक ऐसी महिला जिसने अपने यौन इच्छाओं पर नियंत्रण खो दिया हो।
बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस पृथ्वीराज के चव्हाण इस केस में सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि पीड़िता के लिखी हुई डायरी पढ़ने के बाद कुछ और बताने और कहने की जरूरत नहीं है। सोचिए ऐसी स्थिति आ गई कि पीड़िता मानसिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से एक सीमा से ज्यादा ही कमजोर हो गई। जबकि आवेदक द्वारा किया गया ऐसा कथित अपराध दिल और दिमाग को झकझोर देने वाला है।
वहीं इस केस की बात करें तो मई 2021 में पीड़िता के पिता के द्वारा अपनी 17 साल की बेटी की एक लड़ने के साथ फरार होने की रिपोर्ट लिखवाई गई थी। जिसके बाद जब पुलिस ने पीड़िता के कमरे की तलाशी ली तो उस दौरान परिवार को एक नोटबुक हाथ लगा। जिसमें पीड़िता ने रेप, अप्राकृतिक यौन शोषण समेत उत्पीड़न की बात लिखी थी। साथ ही याचिका लगाने वाले आवेदक की ओर से धमकी की बात भी लिखी थी।