प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विश्व जल दिवस पर जल शक्ति अभियान : कैच द रेन’ की शुरुआत की और कहा कि भारत की आत्म-निर्भरता जल संसाधनों तथा जल संपर्क पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि जल के प्रभावी संरक्षण के बिना भारत का तीव्र गति से विकास संभव नहीं है। उधर, एक अन्य घटनाक्रम में केंद्र-UP व MP ने केन-बेतवा नदी जोड़ो समझौते पर साइन करके इस महत्वाकांक्षी योजना को अमली जामा पहना दिया।
पीएम मोदी ने कहा, हमारे पूर्वज हमारे लिए जल छोड़कर गए। हमारी जिम्मेदारी है कि हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसका संरक्षण करें। चिंता की बात है कि भारत में अधिकतर वर्षा जल बर्बाद हो जाता है। बारिश का पानी हम जितना बचाएंगे, भूजल पर निर्भरता उतनी ही कम हो जाएगी। उन्होंने प्रत्येक गांव में आगामी सौ दिन वर्षा जल संरक्षण की तैयारियों को समर्पित किए जाने का आह्वान किया। उनका कहना था कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पहली बार सरकार जल परीक्षण पर गंभीरता से काम कर रही है।
मोदी ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान 4.5 लाख महिलाओं को जल के परीक्षण के लिए प्रशिक्षित किया गया। उन्हें इस बात की भी खुशी है कि पानी के परीक्षण के इस अभियान में हमारे गांव में रहने वाली बहनों-बेटियों को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिर्फ डेढ़ साल पहले देश में 19 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से सिर्फ 3.5 करोड़ परिवारों के घर नल से जल आता था। अभी 4 करोड़ नए परिवारों को नल का कनेक्शन मिल चुका है।
People from Rajasthan, Gujarat understand water-related problems well. I'm also from Gujarat, faced such problems too. That's why in Union Water Ministry, we have a minister from the region with such issues: PM Modi during launch of 'Catch the Rain' movement, via video conference pic.twitter.com/9LFW4Pa64y
— ANI (@ANI) March 22, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि नदी जल के प्रबंधन पर भी दशकों से चर्चा होती रही है। उन्होंने केन-बेतवा संपर्क परियोजना को इसी दूर-दृष्टि का हिस्सा बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षा जल का जितना बेहतर प्रबंधन होगा, उतनी ही जमीन के पानी पर देश की निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा, इसलिए ‘कैच द रैन’ जैसे अभियान चलाना और इनकी सफलता बहुत जरूरी हैं। जल शक्ति अभियान: कैच द रैन कार्यक्रम के तहत वर्षा जल संचयन अभियान देश भर में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा और इसका नारा होगा, जहां भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें। अभियान 22 मार्च से 30 नवबंर तक चलेगा।
उधर, केन-बेतवा नदी जोड़ो योजना के क्रियान्वयन के लिए सोमवार को जल शक्ति मंत्रालय और मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश की सरकारों के बीच एक समझौता हुआ है। जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के कार्यान्वयन के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना के तहत केन नदी से बेतवा नदी में पानी भेजा जाएगा। इसके लिए दौधन बांध का निर्माण किया जाएगा।
दोनों नदियों को जोड़ने वाली नहर, लोअर ओर परियोजना, कोठा बैराज और बीना परिसर बहुद्देशीय परियोजना से इसमें मदद मिलेगी। इससे 10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सालभर सिंचाई हो सकेगी, 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति संभव होगी तथा 103 मेगावॉट बिजली पैदा की जा सकेगी। परियोजना से जल को तरसते बुंदेलखंड क्षेत्र खासकर मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी तथा रायसेन और उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर को लाभ मिलेगा। नदियों को जोड़ने की यह पहली परियोजना होगी।

