केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई सिगरेट बेचने वाली 15 वेबसाइट्स को नोटिस जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद इन प्लेटफार्म पर ई सिगरेट के विज्ञापन के साथ उनकी सेल भी की जा रही थी। मिनिस्ट्री ने सख्त लहजे में कहा है कि वेबसाइट जवाब दें कि उनके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन क्यों न लिया जाए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई सिगरेट के खिलाफ फिर से सख्त रुख अपनाया है। आलम ये है कि ई सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी ऑनलाइन और तंबाकू की दुकान पर ये आसानी से मिल जाती है। ई सिगरेट पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार ने 2019 में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम 2019 लागू किया था। अधिनियम लागू करने का उद्देश्य ई सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन को रोकना था।
2019 में बना था कानून, फिर भी धड़ल्ले से मिल रही ई सिगरेट
मंत्रालय का कहना है कि देश के युवा को नए जहरीले लत से बचाने के लिए ये प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन 2019 में कानून बनाने के बाद भी ई सिगरेट आसानी से बाजारों में और ऑनलाइन आसानी से उपलब्ध हैं। नाबालिग बच्चों को भी आसानी से दुकानदार ई सिगरेट बेच देते हैं। बाजार में गैर ब्रांडेड चीनी ई-सिगरेट भरे हुए हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अधिक हानिकारक है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नोटिस जारी कर सोशल मीडिया वेबसाइटों, ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटों को चेतावनी दी है। मंत्रालय ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से ई-सिगरेट के निर्माण, आयात-निर्यात और बिक्री पर रोक लगाई है। नोटिस ने स्पष्ट करते हुए कहा कि ई सिगरेट या उसका कोई भी भाग आप अपने पास न तो रख सकते हैं न तो उसका निर्माण कर सकते हैं।
नोटिस में विभाग ने बताया 2019 में लागू हुए निषेध अधिनियम के तहत ई-सिगरेट को बनाने से लेकर उसके इस्तेमाल तक सारी गतिविधि एक दंडनीय अपराध है। आदेश का उल्लंघन करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।