राजधानी स्थित निर्माण भवन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा ‘स्वच्छता’ को लेकर वक्त-वक्त किया जाने वाला औचक निरीक्षण बेहद दिलचस्प है।  द इंडियन एक्सप्रेस के स्तंभ ‘डेल्ही कॉन्फिडेंशल’ में छपी एक खबर के मुताबिक, नड्डा के इन ‘सरप्राइज विजिट्स’ के बारे में अधिकारियों को पहले से जानकारी होती है। दौरे से पहले अफसरों को इस बारे में सूचित कर दिया जाता है। हालांकि, अगले शनिवार को प्रस्तावित ऐसे ही एक दौरे को लेकर मंत्रालय के स्टाफ और अधिकारी खुश नहीं हैं। वजह यह है कि मंत्री जी के निरीक्षण की वजह से उन्हें वीकेंड पर दफ्तर आने के लिए कह दिया गया है।

बता दें कि ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पीएम नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। पीएम के लाल किले से ऐलान के बाद मोदी सरकार ने इस अभियान को बड़े पैमाने पर प्रचारित किया है। पीएम की दिलचस्पी के मद्देनजर मंत्री और अफसर भी इस मुद्दे पर बेहद सजग रहते हैं। जहां कुछ विपक्षी नेता इस अभियान को दिखावा करार देते हुए मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करते हैं, वहीं  सरकार भी विपक्ष को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ती। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था।

डब्ल्यूएचओ (WHO) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीएम ने कहा था कि अगर देश में 70 साल पहले स्वच्छ भारत अभियान जैसी मुहिम शुरू हो जाती तो भारत आज बीमारियों से आजाद होता। जूनागढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम ने कहा था कि देश में स्वच्छता कायम करके कम से कम 3 लाख बच्चों की जिंदगी बचाई जा सकती थी। मोदी ने कहा था, ‘…जिस दिन मैंने टॉयलेट बनवाने, गंदगी साफ करने की बात कही, वे मेरा मजाक उड़ाने लगे। उन्होंने ताना मारा कि क्या पीएम को इस तरह की बातें करनी चाहिए…उन्हें इस बात का अहसास नहीं हुआ कि यह एक मूलभूत कार्य है। अगर ऐसा 70 साल पहले हो गया होता तो देश आज बीमारियों से मुक्त होता।’ पीएम ने उम्मीद जताई है कि गांधी जी की 150वीं जयंती तक देश खुले में शौच के अभिशाप से मुक्त हो जाएगा।