उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर जमकर चर्चा हो हो रही है, विपक्षी दल यह मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि उनके इस्तीफे की वजह उनका स्वास्थ्य ही है। विपक्षी दलों से संबंध रखने वाले कई सांसद उनके इस्तीफे को लेकर पर्दे के पीछे कुछ और खेल बता रहे हैं।

विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों को बीजेपी के गोरखपुर से सांसद रवि किशन ने राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने संसद परिसर में न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि विपक्ष का काम है बोलना, किसी भी बात पर, किसी के स्वास्थ्य का भी मजाक उड़ा सकते है, उसपर भी राजनीति कर सकते हैं। मनुष्य के जीवन में आप हेल्दी इंसान को गिरके तुरंत मृत्यु होते भी देखे हैं। कब कौन से पल आदमी बीमार होता है, सुबह क्या है, शाम को क्या है…

उन्होंने आगे कहा, “उनको डॉक्टर ने कहा है कि भई यू नीड टू रेस्ट, अगर कोई रेस्ट करना चाहता है तो उसपर भी राजनीति? किसी का शरीर गवाह न कर रहा है, डॉक्टर ने कहा होगा, कोई रिपोर्ट आई होगी, कोई मेडिकल जांच हुई होगी, डॉक्टर ने कहा होगा… जस्ट टेक केयर, यू नीड टू रेस्ट, सम बडी इज रेस्टिंग, आप उसपर भी राजनीति कर रहे हैं, मतलब हद हो गई राजनीति का लेवल दिन प्रति दिन नीचे गिरता जा रहा है।”

अरविंद सावंत बोले- उपराष्ट्रपति का इस्तीफा शॉकिंग

शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की खबर शॉकिंग है। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति की हेल्थ इतनी भी खराब नहीं थी कि उन्हेंं इस्तीफा देना पड़े। किसी ने उनकी तबीयत खराब की है। सत्ताधारी पार्टी चुप है, इसका मतलब है कि कुछ गलत है।

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गौरव गोगोई बोले- केंद्र स्पष्ट करे कि क्या उसे पहले से जानकारी थी

लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को ‘चौंकाने वाला’ घटनाक्रम करार देते हुए मंगलवार को केंद्र से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या उसे इस बारे में पहले से कोई जानकारी थी। गोगोई ने उपराष्ट्रपति पद के लिए नयी नियुक्ति के संबंध में भी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा।

उन्होंने X पर लिखा किया, “माननीय उपराष्ट्रपति का इस्तीफा चौंकाने वाला है। मैं आदरणीय धनखड़ जी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।” उन्होंने कहा, “लेकिन केंद्र सरकार यह स्पष्ट करे कि क्या उसे पहले से इसकी सूचना थी और क्या उसने नया उपराष्ट्रपति चुनने के लिए योजना बनाई थी। कल माननीय उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता में हुई बैठक में वरिष्ठ मंत्रियों की अनुपस्थिति अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है।”

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