हरियाणा के नूंह, गुड़गांव और अन्य हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा के एक दिन बाद सोहना में एक मस्जिद में 70-100 लोगों की भीड़ ने तोड़फोड़ की। हालांकि, स्थानीय लोगों ने कहा कि मस्जिद के इमाम, उनका परिवार और मदरसे में पढ़ रहे 10-12 बच्चों का एक समूह सुरक्षित बच गया क्योंकि सिख समुदाय के सदस्यों ने हस्तक्षेप किया और झड़पों के बीच बचाव अभियान चलाया।
शाही मस्जिद के नाम से मशहूर इस मस्जिद में कुछ परिवारों के लिए कमरे और बच्चों के लिए कक्षाएं हैं। मंगलवार को भीड़ ने मस्जिद पर हमला कर दिया। पुलिस ने कहा कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा कि जब स्थानीय लोगों ने उन्हें घटना की जानकारी दी तो कार्रवाई की गई।
भीड़ ने किया मस्जिद पर हमला
इमाम कलीम जो अपने चार भाइयों और उनके परिवारों के साथ मस्जिद में रहते हैं, उन्होंने अपने और 30 अन्य लोगों के साथ हुई भयावहता के बारे में बताया। इमाम ने कहा, “हम सभी डरे हुए थे लेकिन पुलिस ने फ्लैग मार्च किया और घोषणा की कि क्षेत्र में कोई ताज़ा हिंसा नहीं हुई है। हमें कुछ देर के लिए राहत मिली और हमने काम फिर से शुरू कर दिया। दोपहर करीब 2.45 बजे हमने गोलियों की आवाज सुनी। जब मैं मस्जिद से बाहर आया, तो एक भीड़ हाथ में लाठियां, हथियार और बंदूकें लेकर हमारी ओर दौड़ रही थी।”
स्थानीय लोगों ने की मदद
इमाम और अन्य स्थानीय लोगों के अनुसार, भीड़ ने मस्जिद में घुसकर तोड़फोड़ की। पुलिसकर्मियों का एक समूह अब मस्जिद की सुरक्षा कर रहा है। उनमें से एक ने दावा किया कि पुलिस और सिख समुदाय के सदस्य 10 मिनट के भीतर आ गए। इमाम बच्चों सहित 30 अन्य लोगों के साथ परिसर के आवासीय क्वार्टरों में छिपने में कामयाब रहे। इमाम ने कहा कि हमने सारी उम्मीद खो दी थी। मैंने अपने भाई से सभी महिलाओं और बच्चों को मस्जिद के पीछे ले जाने को कहा। भीड़ लगभग हमारे कमरे के पास थी जब स्थानीय लोग आए और मदद की।
मस्जिद के पास केवल 10-12 पुलिसकर्मी थे
उनकी मदद करने वाले स्थानीय लोगों में से एक पलवल का छात्र गुड्डु सिंह (25) था। गुड्डु ने कहा कि हमें हमले के बारे में सोहना मस्जिद के आसपास के स्थानीय लोगों से घबराहट भरे फोन आए थे। वहां बच्चे थे, हमने हस्तक्षेप करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि वहां केवल 10-12 पुलिसकर्मी थे जबकि मस्जिद के बाहर सैकड़ों की संख्या में भीड़ थी।
गुड्डु ने आगे कहा, “जैसे ही भीड़ ने मस्जिद के अंदर चीज़ें तोड़ना शुरू किया स्थानीय लोग मस्जिद की इमारत से सटे आवासीय क्वार्टरों की ओर चले गए; उन्होंने सबसे पहले महिलाओं और बच्चों को बचाया। हमारे लोगों ने बच्चों को उठाया और वैन की ओर ले गए। उन्होंने कहा, ”हमें किसी भी मामले में दखल देना और किसी समुदाय या समाज को नुकसान पहुंचाना पसंद नहीं है लेकिन हमें हस्तक्षेप करना पड़ा क्योंकि कई लोगों की जान जोखिम में थी। हमारे जवानों ने समय रहते सभी को बचा लिया।”