हरियाणा का मेवात साइबर क्राइम अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है। यहां साइबर क्राइम के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। पिछले साल जनवरी से दिसंबर के बीच ही पुलिस ने 66,784 शिकायतों पर कार्रवाई की थी। इसमें लोगों को 301.48 करोड़ रुपये की कथित रूप से ठगी की गई थी। साइबर क्राइम सेल ने कार्रवाई करते हुए इस इलाके के करीब 5 सिम को ब्लॉक कराया है। इन सिम कार्ड का उपयोग इलाके के 40 गांव में किया जा रहा था। पुलिस अब तक ऐसे मामलों में 402 अपराधियों की पहचान कर चुकी है।
साइबर सेल ने की कार्रवाई
साइबर सेल अधिकारियों के मुताबिक इस साल साइबर क्राइम के 2,165 मामले दर्ज किए हैं। इनमें 1,065 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनसे 46.91 करोड़ रुपये की वसूली की है या संदिग्ध लेनदेन को रोक दिया है। अधिकारियों के ने कहा कि फर्जी सिम कार्ड की पहचान दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा विकसित एक टूल, टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन (ASTR) के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन की मदद से की जाती है। अधिकारियों ने बताया कि हमने दूसरे राज्यों से जारी किए गए 4,96,562 मोबाइल नंबरों की पहचान करने के लिए मेवात में सेल टावर डंप एनालिसिस का इस्तेमाल किया। हमने 15,672 और नंबरों की पहचान की है और 1,959 नंबरों को ब्लॉक किया है।
IMEI नंबर से कसी जा रही नकेल
अधिकारियों का कहना है कि इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) नंबर से कई लोगों की पहचान की जा रही है। धोखेबाज कॉल करने के लिए एक सिम कार्ड का उपयोग किया जा रहा है। अधिकारी ने बताया कि ठग एक कॉल के बाद फोन को स्विच ऑफ कर लेते हैं और उस सिम को हटा देते हैं। अगली कॉल करने के लिए उसी फोन में एक नया सिम लगा लिया जाता है। अधिकारियों ने कहा कि एक पहचान पत्र पर अधिकतम छह सिम कार्ड जारी किए जा सकते हैं, जबकि कई मामलों में एक दर्जन से अधिक कार्ड खरीदे जा चुके हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (राज्य अपराध शाखा) ओपी सिंह ने कहा कि मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों को सिम कार्ड खरीदने के लिए जमा किए गए दस्तावेजों के सत्यापन के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
कैसे काम कर रहा गिरोह
साइबर सेल अधिकारियों ने गैंग की मोडस ऑपरेंडी के बारे में बताते हुए कहा कि एक व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के जरिए सिम कार्ड की व्यवस्था करता है, दूसरा बैंक खातों और लेनदेन के लिए इन सिम कार्डों से जोड़ता है। तीसरा व्यक्ति संभावित लोगों को जाल में फंसाने के लिए लोगों को कॉल करता है। वहीं चौथा व्यक्ति पैसे निकालता है। ये लोग ज्यादातर दूर रहने वाले लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। मेवात में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर गृह मंत्रालय भी चिंता जता चुकी है।
