हरियाणा में बड़ा राजनीतक उलटफेर देखने को मिला है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा बदलाव करते हुए कुमारी शैलजा को हरियाणा कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। कुमारी शैलजा पार्टी का दलित चेहरा हैं। अशोक तंवर भी दलित थे और उनको हटाने के बाद पार्टी ने दलितों को लुभाने के लिए दलित नेता को ही पार्टी की कमान सौंपी है। गौरतलब है कि हरियाणा में 19 प्रतिशत दलित वोटर हैं। अशोक तंवर और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तकरार के बीच भुपेंद्र के पाले में गेंद जाती दिखी।
अशोक तंवर को हटाने के लिए हुड्डा ने रोहतक में परिवर्तन रैली भी की थी। कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को अध्यक्ष बनाने के साथ ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस के विधायक दल का नेता घोषित किया है। इससे पहले अशोक तंवर चाहते थे कि राज्य की कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ में ना जाए। कांग्रेस ने इस लड़ाई को लेकर संतुलन बनाते हुए बीच का रास्ता निकाला और कुमारी शैलजा को पार्टी की कमान सौंप दी है।पार्टी द्वारा सौंपी गई इस जिम्मेदारी को लेकर कुमारी शैलजा ने कहा कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी मेरे कंधों पर है। हम सब मिलकर काम करेंगे। हम पार्टी की विचारधारा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। वहीं, हुड्डा ने कहा कि पार्टी ने फैसला किया है। मैं इसका सम्मान करता हूं और इस जिम्मेदारी के लिए सोनिया जी का धन्यवाद करता हूं।
Haryana: Congress appoints Bhupinder Singh Hooda as Congress Legislature Party (CLP) leader and Chairman of the State Election Committee https://t.co/SbLDfp7xsj
— ANI (@ANI) September 4, 2019
भूपेंद्र हुड्डा ने किरण चौधरी का स्थान लिया है। हुड्डा को चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया है।हरियाणा के कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं को बताया कि शैलजा को प्रदेश अध्यक्ष और हुड्डा को विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया है।कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले को हुड्डा की नाराजगी और राज्य के पार्टी नेताओं के आपसी कलह को दूर करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।दरअसल, नाराजगी की खबरों के बीच, हुड्डा ने मंगलवार को अपने समर्थक नेताओं के साथ बैठक की थी जिसमें इन नेताओं ने उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में आगे का निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया था।
हरियाणा कांग्रेस में अंदरूनी कलह खासकर हुड्डा एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक तंवर के बीच टकराव की खबरें लंबे समय से आ रही हैं। हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि हुड्डा पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं और अलग होने का रास्ता भी चुन सकते हैं।नाराजगी की अटकलों के बीच ही गत 29 अगस्त को हुड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद ऐसी खबरें आई थीं कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष को बदला जा सकता है और टिकट बंटवारे में हुड्डा की भूमिका सुनिश्चित की जा सकती है।
(भाषा इनपुट्स के साथ)