लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने वाले केंद्र सरकार के विधेयक को लेकर विरोध शुरू हो गया है। हरियाणा के जींद में गुरुवार को हुई एक खाप पंचायत में कई खाप नेताओं ने कहा कि केंद्र को बेटियों के माता-पिता को 21 के बजाय 18 साल की उम्र में ही शादी करने की अनुमति जारी रखनी चाहिए।
हालांकि खाप नेताओं ने कोर्ट मैरिज के लिए लड़कियों की 21 साल की उम्र का समर्थन किया है। इसके पीछे उनका तर्क है कि इससे प्रेम विवाह से बचाया जा सकता है। ढांडा खाप अध्यक्ष एवं खाप पंचायत के आयोजक देव वर्त ढांडा ने कहा कि मीटिंग में लगभग 100 खाप के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा, “अधिकतर खाप नेता मंगलवार को लोकसभा में पेश किये गए बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 के मौजूदा प्रारूप के विरोध में थे। बता दें कि लोकसभा में इस विधेयक पर विपक्ष की कई आपत्तियों के बाद इसे संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया। ढांडा ने कहा कि अब वे समिति के समक्ष अपनी बात रखेंगे।
23 दिसंबर गुरुवार को हुई पंचायत को विधेयक और इस पर उनकी आशंकाओं पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था। इसमें अधिकांश खाप नेताओं की राय थी कि वर्तमान प्रावधानों के अनुसार माता-पिता को 18 वर्ष की आयु में ही अपनी बेटियों की शादी करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
एक खाप नेता ने कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर आहार के कारण, 18 को बेटियों की शादी के लिए आदर्श उम्र माना जाता है क्योंकि वे इस उम्र में कानूनी रूप से वयस्क हो जाती हैं और मतदान जैसे सभी अधिकारों का प्रयोग करती हैं। हम 21 साल की उम्र में कोर्ट मैरिज के लिए उनकी उम्र का समर्थन करते हैं ताकि कोई भी उन्हें भगाने के लिए गुमराह न कर सके।”
खाप नेता ने कहा कि कुछ मामलों में हमने देखा है कि लड़कियां सिर्फ 18 साल होने का इंतजार करती हैं ताकि वे कोर्ट मैरिज के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग कर सकें। ऐसे में कोर्ट मैरिज के लिए 21 साल की उम्र का प्रस्ताव ठीक है। इसके अलावा इस महापंचायत में खाप मैरिज एक्ट के नाम से पारित प्रस्ताव में कहा गया कि एक गांव और एक गोत्र में शादी अमान्य मानी जाएगी।
