Haryana Corrupt Patwaris: हरियाणा सरकार ने स्टेट रेवेन्यू डिपार्टमेंट में 370 भ्रष्ट पटवारियों की पहचान की है और संबंधित डिप्टी कमिश्नर को उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। सरकार ने 170 निजी सहयोगियों या बिचौलियों की भी पहचान की है जो कथित तौर पर पटवारियों की ओर से रिश्वत लेते हैं। 14 जनवरी को हरियाणा के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी ने डिप्टी कमिश्नर को गोपनीय रिपोर्ट भेजी। इसमें उन्हें मामले में सख्त एक्शन लेने और 15 दिन के अंदर सरकार को रिपोर्ट देने को कहा गया है।

रस्तोगी ने डिप्टी कमिश्नरों को लिखे गए पत्र में कहा कि आम आदमी को अपने काम के लिए पटवारियों के पास जाना पड़ता है, इसलिए पटवारियों के इस तरह के भ्रष्टाचार से सरकार की छवि पर असर पड़ता है। ऐसे पटवारी बार-बार आपत्ति जताकर जनता को परेशान करता है। कैथल जिले में सबसे ज्यादा भष्ट पटवारियों की पहचान की गई है। इसके बाद में सोनीपत में 41 और महेंद्रगढ़ में 36 हैं। गुड़गांव में सबसे ज्यादा 26 बिचौलियों की पहचान की गई है। उसके बाद महेंद्रगढ़ में 20 और पलवल, रेवाड़ी और सोनीपत में 15-15 बिचौलियों की पहचान की गई है।

रेवेन्यू डिपार्टमेंट में कितने पद खाली

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के रेवेन्यू डिपार्टमेंट में इस समय 1378 पटवारी है। वहीं 1313 पद खाली पड़े हुए हैं। हाल ही में भर्ती किए गए 2,600 पटवारियों की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद राजस्व अधिकारियों की कोई भी कमी नहीं रहेगी। उन्हें अन्य विभागों में भी तैनात किया जाएगा। राजस्व विभाग के सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह रिपोर्ट फील्ड में मौजूद खुफिया अधिकारियों से फीडबैक लेने के बाद तैयार की गई है। कुछ मामलों में पटवारियों और उनके बिचौलियों के मोबाइल नंबर के अलावा उनके पैतृक गांव जैसी अन्य जानकारियां भी दी गई हैं।

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लोगों को परेशान करने के बाद ली जाती रिश्वत

अब इसको एक उदाहरण के जरिये समझने की कोशिश करें तो सरकार ने कहा कि अंबाला कैंट में करीब 18 महीने से तैनात एक पटवारी जमीन के दाखिल-खारिज, जमीन की पैमाइश, रिकॉर्ड में सुधार और खेती की जमीन के बंटवारे के नक्शे तैयार करने के लिए लोगों को परेशान करने के बाद रिश्वत लेता है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अंबाला शहर का एक शख्स उसके लिए रिश्वत लेता है।

एक पटवारी कितनी लेता है रिश्वत

तोशाम के एक पटवारी के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्व अधिकारी ने उन मामलों में जमीन के दाखिल खारिज को पेंडिंग रखा है। यहां पर उसे रिश्वत नहीं दी गई है। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, रिश्वत लेने के लिए उसके पास कोई सहयोगी नहीं है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चरखी दादरी में एक पटवारी जमीन के दाखिल-खारिज के लिए 1,000 से 2,000 रुपये लेता है, जबकि उसी जिले के कुछ अन्य पटवारी उसी काम के लिए 1,500 से 2,000 रुपये लेते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि फरीदाबाद जिले में एक पटवारी पुरानी राजस्व फाइलों को खोजने के लिए 500-700 रुपये लेता है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, गुड़गांव जिले में तहसील के कामों के लिए रिश्वत का रेट बहुत ज्यादा हैं। यहां पर पटवारी जमीन के दाखिल-खारिज,फर्द और जमीन के नक्शे के लिए तीन से पांच हजार रुपये लेते हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गुड़गांव में ज्यादातर पटवारियों के पास रिश्वत लेने के लिए एक बिचौलिया होता है। पंजाब के आंदोलन से हरियाणा के किसान विरोध-प्रदर्शन से क्यों गायब? पढ़ें पूरी खबर…