हेल्थ सिस्टम को सुधारने में नाकाम हरियाणा सरकार का नया शिगुफा सामने आया है। निजी अस्पतालों में दाखिल BPL मरीजों को सरकार अधिकतम 35 हजार की सहायता देगी। यानि उन्हें प्रति दिन रोजाना 5 हजार रुपये तक दिए जाएंगे।
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने ट्वीट में कहा- सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को राहत देने के लिए यह कदम उठाया है। इसके तहत ऑक्सिजन पर निर्भर निजी अस्पतालों में दाखिल गरीब परिवार के लोगों को सहायता दी जाएगी। सरकार ने ये भी कहा कि निजी अस्पतालों को उस सूरत में 1 हजार रुपये रोजाना का इंसेटिंव दिया जाएगा जब वो सूबे के कोविड मरीजों का इलाज करेंगे।
सीएम ने ब्योरा देते हुए बताया कि इससे सरकार गरीब परिवारों को एक सप्ताह में 42 हजार रुपये की सहायता देगी। 35 हजार इलाज के और सात हजार अस्पताल को शाबाशी के। उधर, सीएमओ हरियाणा की तरफ से बताया गया कि नए नियमों के तहत सरकार ने निजी अस्पतालों को पाबंद किया है।
Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar announces medical assistance of Rs 5,000 per patient/day (maximum 7 days) i.e. Rs 35,000 to below poverty line (BPL) patients admitted in private hospitals & on oxygen/ICU support: Chief Minister's Office (CMO) pic.twitter.com/GRg9o7WY0b
— ANI (@ANI) May 5, 2021
Private hospitals would be given incentive of Rs 1,000 per patient/day or up to maximum of Rs 7,000, for giving admission preference to COVID19 patients belonging to Haryana; thereby for BPL patients Rs 42,000 will be provided by state govt as medical assistance: Haryana CMO
— ANI (@ANI) May 5, 2021
Rates of beds & other facilities been fixed for COVID19 treatment in pvt hospitals. State govt has fixed rate of Rs 10,000 for isolation beds in NABH & JCI accredited hospitals, Rs 15,000 for ICU beds without ventilators & Rs 18,000/day for ICU beds with ventilators: Haryana CMO
— ANI (@ANI) May 5, 2021
इसके तहत आईसोलेशन बेड का चार्ज 10 हजार, बगैर वेंटीलेटर के आईसीयू बेड 15 हजार और वेंटीलेटर के साथ 18 हजार रुपये में मिल सकेगा। ये नियम nabh और jci की तरफ से मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों के लिए हैं। जो अस्पताल इनसे संबद्ध नहीं है वो बगैर वेंटीलेटर के आईसीयू बेड कसे लिए 13 हजार और वेंटीलेटर वाले बेड के लिए 15 हजार रुपये अधिकतम चार्ज कर सकेंगे।
उधऱ, ट्विटर पर लोगों ने सरकार के फैसले का मजाक उड़ाया। उनका कहना था कि इससे करप्शन बढ़ेगा। कुछ का कहना था कि सरकार अस्पतालों में सुविधा दे दे यही बहुत है। गौरतलब है कि गुरुग्राम के अस्पताल के आईसीयू से छह ऐसी लाशें मिली हैं जिनकी लापरवाही के चलते मौत हो गई। सीएम खुद कह चुके हैं कि उनके चीखें मारने से मरने वाले जिंदा तो नहीं हो जाएंगे। अब अपनी खाल बचाने के लिए सरकार शिगुफेबाजी में जुट गई है।
सरकार की चुस्ती का ये आलम है कि केंद्र के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने हरियाणा में दो कोरोना अस्पताल बनाने से हाथ पीछे खींच लिया है। करीब दो हफ्ते बाद भी डीआरडीओ ने इस संबंध में कार्रवाई नहीं शुरू की है। अब हरियाणा सरकार ने लोक निर्माण विभाग के माध्यम से अस्पताल निर्माण शुरू कर दिया है। हरियाणा में रोजाना औसतन 15 हजार कोरोना पॉजिटिव मरीज आ रहे हैं। इसके चलते प्रदेश में ऑक्सिजन युक्त बेड की भारी कमी हो रही है।
हरियाणा के हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 20 अप्रैल को ‘हरियाणा की बात’ कार्यक्रम के दौरान कहा था कि हरियाणा सरकार ने डीआरडीओ को पानीपत में 500 बेड के अस्पताल का निर्माण करने का प्रस्ताव दिया है।