जुलाई महीने में भारी बारिश के बाद यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया था। इसके कारण राजधानी दिल्ली समेत हरियाणा और उत्तर प्रदेश में बाढ़ आ गई थी। बाढ़ के कारण दिल्ली के लाल किला से लेकर यूपी के मथुरा तक जलभराव देखने को मिला था। हरियाणा सरकार बाढ़ से निजात पाने के लिए यमुना नदी के ऊपर बांध बनाने की योजना पर काम कर रही है। इंडियन एक्सप्रेस अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा सरकार हथिनी कुंड बैराज पर बांध बनाने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक इस बांध को 6,134 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। इस बांध में 14 किमी लंबा जलाशय होगा। इस परियोजना को यमुना नगर जिले में हथिनीकुंड बैराज से 4.5 किमी ऊपर की ओर बनाया जाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा सरकार बांध निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-73 के 11 किमी लंबे हिस्से को स्थानांतरित किया जाएगा। साथ ही 9 गांवों को विस्थापित भी किया जाएगा। बांध क्षेत्र के अंतर्गत कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभ्यारण्य सहित वन भूमि का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा। हरियाणा जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर सतबीर सिंह कादियान ने इस पूरे योजना पर कहा कि “परियोजना पूरी होने के बाद बाढ़ के पानी का रिजर्वायर बनाया जाएगा। ऐसा करने से ना सिर्फ दिल्‍ली व हरियाणा के क्षेत्रों को बाढ़ से बचाया जा सकेगा बल्कि इस पानी का इस्‍तेमाल पश्चिमी यमुना नहर के माध्‍यम से सिंचाई में हो पाएगा।

बांध बनाने से हरियाणा सरकार को होगा मुनाफा

हथिनीकुंड बैराज पर बांध बनाकर हरियाणा सरकार मुनाफा कमाने की योजना में है। हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि एक बार परियोजना पूरी होने के बाद राज्य सरकार इससे 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगी। साथ ही सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी भी मिलेगा और ग्राउंड वाटर लेवल में बढ़ोत्तरी होगी और एक्वाकल्चर से राज्य को 497 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ भी होगा।

अब दिल्ली में नहीं आएगा बाढ़

बता दें कि हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने के कारण ही यमुना नदी का जलस्तर बढ़ा गया था। जिसके कारण दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में बाढ़ आया था। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि हथिनीकुंड बैराज पर बांध बनने के बाद दिल्ली में बाढ़ नहीं आएगा। बांध क्षेत्र की सीमा उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से भी लगेगी। बांध के जलाशय की क्षमता 10.82 लाख क्यूसेक होगी। नए बांध की क्षमता जुलाई महीने में छोड़े गए पानी से करीब तीन गुना होगी। बता दें कि जुलाई में 3.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।