हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच केंद्र सरकार किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि वह हर हफ्ता किसानों से मिलेंगे। मंगलवार को शिवराज सिंह चौहान नई दिल्ली में 50 किसानों और कृषि संघ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ अपनी पहली बातचीत की है। बैठक के दौरान किसानों और केंद्रीय मंत्री के बीच चार मुद्दों पर बात हुई। बातचीत खासतौर पर फसलों की कीमतों, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित मुद्दों, आवारा पशुओं से होने वाले नुकसान और कटाई के समय सरकार के फैसले से जुड़े विषयों पर बातचीत हुई।
यह बैठक नई दिल्ली के पूसा कॉम्प्लेक्स में हुई और इसमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के किसान और कृषि संघ के नेता शामिल हुए। बैठक के दौरान कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
मीटिंग के बाद शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा?
किसानों के साथ हुई बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं, और किसानों की सेवा करना हमारे लिए भगवान की पूजा करने जैसा है।”
किसानों के साथ साप्ताहिक बैठकों की अपनी घोषणा का जिक्र करते हुए कृषि मंत्री ने कहा, “पिछली बार जब मैं 100 दिन की उपलब्धियों के बारे में बात कर रहा था, तो मैंने घोषणा की थी कि मैं हर मंगलवार को किसानों या किसान संगठनों से मिलने का सिलसिला शुरू करूंगा, क्योंकि कई बार हम दफ्तर में बैठकर समस्याओं को समझ नहीं पाते हैं। हमारा कर्तव्य है कि जिन लोगों को समस्या है, उनसे सीधे बात करें, चर्चा करें और अगर कोई समस्या आती है, तो उसका समाधान करें।”
किन मुद्दों पर हुई बात?
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “आज मैंने अलग-अलग किसान संगठनों से बात की है, करीब 50 किसान नेताओं से मिला हूं, उनसे कई सुझाव मिले हैं। कुछ सुझाव फसलों के दाम को लेकर हैं, कुछ फसल बीमा योजना को लेकर हैं, कुछ सुझाव आवारा पशुओं से होने वाले नुकसान को लेकर हैं। किसान की फसल आने पर क्या निर्णय लिए जाएं, इस बारे में कई सुझाव आए हैं। मैं अफसरों की टीम के साथ बैठा था। हम उन पर काम करेंगे और काम करने के बाद जो भी संभव होगा, हम करने की कोशिश करेंगे, किसान संगठनों के साथ सौहार्दपूर्ण वातावरण में चर्चा हुई है।”