हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार जातीय समीकरण अपना अलग ही खेल दिखा रहे हैं। जमीनी स्थिति हर बीतते दिन के साथ बदल रही है और कई सीटों पर हार जीत का अंतर कम तो कभी बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। हरियाणा की महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट पर भी सियासी समीकरण मायने रखते हैं।

पिछले चुनाव के नतीजे

महेंद्रगढ़ सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था उस सीट पर तब कांग्रेस के राव दान सिंह ने एक बड़े अंतर से भाजपा प्रत्याशी को हरा दिया था। उस चुनाव में एक तरफ कांग्रेस के राव दान सिंह को 46478 वोट मिले थे, वहीं भाजपा के राम बिलास शर्मा को 36258 में वोटो से संतुष्ट होना पड़ा था।

पार्टीनेतावोट
बीजेपीराम बिलास शर्मा36258
कांग्रेसराव दान सिंह46478

सीट का चुनावी इतिहास

वैसे महेंद्रगढ़ एक ऐसी सीट रही है जहां पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच में हमेशा मुकाबला देखने को मिला है। अगर 2019 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी तो 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने भी कांग्रेस को बढ़िया अंतर से हराने का काम किया था। उस चुनाव में बीजेपी के राम बिलास शर्मा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता राव दान सिंह को करीब 35000 वोटों से हरा दिया था। शर्मा को लेकर कहा जाता है कि महेंद्रगढ़ सीट पर उनकी मजबूत पकड़ रही है। 1982 से 2000 तक तो वे लगातार चार बार इसी सीट से विधायक रह चुके हैं। इसी तरह कांग्रेस के राव दान सिंह ने भी 2000 से लेकर 2014 तक इस सीट पर अपना कब्जा रखा। फिर 5 सालों के लिए बीजेपी के पास वो सीट आई, लेकिन 2019 में फिर कांग्रेस ने बाजी मारी। एक बार फिर कांग्रेस ने राव दान सिंह पर अपना भरोसा जताया है। आम आदमी पार्टी ने भी इस सीट से मनीष यादव को उतारने का काम किया है।

जातीय समीकरण

अगर इस सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो जाट और अहीर मतदाता सबसे निर्णायक माने जाते हैं। इन दो समुदायों के दम पर इस सीट पर हार और जीत तय हो जाती है।