हरियाणा चुनाव में वैसे तो कई सीटों पर दिलचस्प खेल देखने को मिलता है, कई ऐसी सीटें हैं जहां पर समीकरण बिगड़ते और बनते रहते हैं। लेकिन एक ऐसी सीट है जहां पर पारिवारिक कब्जा भी लंबे समय से देखा जा रहा है। हम बात कर रहे हैं हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट की। 1967 में आदमपुर में पहली बार चुनाव हुआ था। उसके बाद से अब तक 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं।
आदमपुर सीट का इतिहास
चार उपचुनाव भी हुए हैं, इसी सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भजनलाल के परिवार का कब्जा देखने को मिलता रहा है। वे खुद 9 बार विधायक रहे, सात बार कांग्रेस की तरफ से और एक-एक बार जनता पार्टी और एक बार हजकां पार्टी की तरफ से भी विधायक बने। बड़ी बात यह है कि उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई खुद चार बार विधायक चुने जा चुके हैं, तीन बार कांग्रेस की टिकट पर और एक बार भी भी हाजकां की टिकट पर विधानसभा पहुंचे हैं।
| सीट | बीजेपी | कांग्रेस |
| आदमपुर (2022) | भव्य बिश्नोई (67492 वोट) | जयप्रकाश (51752 वोट) |
| आदमपुर (2019) | सोनाली फोगाट (34222 वोट) | कुलदीप बिश्नोई (63693) |
पिछले चुनाव के नतीजे
अगर पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे की बात करें तो आदमपुर सीट पर बीजेपी की तरफ से खड़े हुए भव्य बिश्नोई ने एक बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। उन्हें 67492 वोट मिले थे, दूसरे नंबर पर कांग्रेस के जयप्रकाश रहे थे जिन्होंने 39.35% वोट हासिल किया था। इसी क्रम में तीसरे पायदान पर तब आई एनएलडी के कुर्दा राम नंबरदार रहे थे।
बीजेपी ने किस पर जताया भरोसा?
वैसे 2019 के विधानसभा चुनाव में और दिलचस्प स्थिति देखने को मिली थी तब भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की थी। उस चुनाव में उन्हें 63693 वोट मिले थे, तब उन्होंने भाजपा की सोनाली फोगाट को बड़े अंतर से हराने का काम किया था। अब इस बार के चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने अपनी तरफ से कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को एक बार फिर आदमपुर सीट से ही चुनाव लड़वाने का फैसला किया है।
