Haryana Elections 2019: हरियाणा में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से पहले प्रदेश के एक किसान का वीडियो सामने आया है। इसमें किसान ने सरकार और इसकी नीतियों के प्रति नाराजगी करते हुए कहा कि भाजपा जितने भी अध्यादेश लाई है उनसे पूंजीपतियों की फेहरिस्त तैयार कर रही है।

किसान ने कहा, ‘दिवालिया कानून बदल दिया गया। सरकार जीएसटी ले आई। नोटबंदी में भी किसान पर मार पड़ी है, क्योंकि किसान नगदी में फसल बेचता है। इसमें किसान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। फसल बीमा योजना में किसान को पहले किसी तरह मुआवजा मिलता मगर अब उससे भी वंचित हो गया है। प्रीमियम के नाम पर किसान की जेब काटी गई।’

किसान ने बीमा कंपनियों को भी निशाने पर लेते हुए कहा, ‘किसान फसल बीमा की जो पॉलिसी लेता है उसका प्रीमियम राज्य सरकार भी देती हैं और केंद्र सरकार भी देती है। मगर दोनों के बजट को इन बीमा कंपनियों लूट लिया। ये कंपनिया सरकार के इशारे पर और षणयंत्र के तहत ऐसा करती हैं। इसके अलावा सरकार ने हमारे डिग्रीधारी बच्चों को डी ग्रुप में लगाकर उनका अपमान किया है।’

किसान ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर भड़कते हुए कहा कि सीएम खट्टर सरकार ने किसान के आंसुओं पर नमक छिड़कने का काम किया है। सूखे के चलते किसान को कोई राहत नहीं दी जा रही है। किसान ने कहा, ‘सरकार ने कृषि यंत्र पर 28 फीसदी जीएसटी टैक्स लगा दिया।’

बता दें कि हरियाणा चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में भाजपा ने जनता से युवा, किसान, उद्योग, खेल, स्वास्थ्य, दलितों व पर्यावरण पर विशेष ध्यान देने का वादा किया है। घोषणा पत्र में कहा गया कि पार्टी दोबारा सत्ता में लौटी तो किसानों को तीन लाख रुपए तक बिना ब्याज का फसली कर्ज मिलेगा। सरकारी नौकरी के लिए कॉमन पात्रता परीक्षा होगी। स्मार्ट सिटी की तर्ज पर स्मार्ट गांव बनेंगे। साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जाएगी।