Mohan Lal Badoli Rape Case: हरियाणा में अपने प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली पर लगे बलात्कार के आरोपों के बाद बीजेपी बड़ी मुश्किल में है। पार्टी की मुश्किल यह है कि वह बड़ौली के खिलाफ कार्रवाई करे या नहीं? इस मामले में पार्टी के अंदर से बड़ौली के खिलाफ आवाज उठी है। नायब सिंह सैनी सरकार के मंत्री अनिल विज ने कहा है कि जब तक मोहनलाल बड़ौली पर लगे आरोपों की जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
कांग्रेस भी बड़ौली का इस्तीफा मांग रही है। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा का कहना है कि बीजेपी में ऐसे कई नेता हैं जिन पर बलात्कार के आरोप लगे हैं।
बीजेपी को राज्य में अपने नए अध्यक्ष का चुनाव करना है लेकिन पार्टी ने बड़ौली पर लगे आरोपों की वजह से इसे कुछ वक्त के लिए टाल दिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव इस महीने के अंत तक होना था लेकिन माना जा रहा है कि अगले महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव के बाद ही हरियाणा बीजेपी को नया अध्यक्ष मिलेगा।
अनिल विज के उलट हरियाणा में बीजेपी के कई नेताओं ने मोहनलाल बड़ौली का समर्थन किया है। मोहनलाल बड़ौली को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का भी भरोसेमंद माना जाता है। क्या बीजेपी हाईकमान बड़ौली से इस्तीफा देने को कह सकता है?
क्या है यह पूरा मामला?
हिमाचल पुलिस ने बड़ौली और बीजेपी की पब्लिसिटी सेल के पूर्व चेयरमैन रॉकी मितल पर सामूहिक बलात्कार के आरोप में मामला दर्ज किया है। दिल्ली की रहने वाली इस महिला की शिकायत के आधार पर 13 दिसंबर को हिमाचल पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। बड़ौली ने इस तरह के आरोपों को निराधार बताया है।
बीजेपी के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी मोहन लाल बड़ौली के आचरण से वाकिफ है। एक नेता ने कहा, “हिमाचल प्रदेश की पुलिस द्वारा अपनी जांच पूरी करने के बाद ही पता चलेगा कि उन्हें इस मामले में किस वजह से झूठा फंसाया गया। लेकिन, इससे विवाद तो पैदा हो गया है और पार्टी चाहती है कि राज्य में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव से पहले जांच पूरी हो जाए।”
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बीजेपी के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मोहनलाल बड़ौली के द्वारा हरियाणा में पार्टी के लिए किया गया काम उनके पक्ष में है लेकिन उन पर बलात्कार का आरोप लगने की वजह से उनकी स्थिति प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए जरूर कमजोर हो गई है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि जांच में वह बेदाग साबित होंगे लेकिन देखना यह होगा कि क्या वह प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे और कब तक?
पिछले साल बनाया गया था प्रदेश अध्यक्ष
मोहनलाल बड़ौली को पिछले साल जुलाई में नायब सिंह सैनी की जगह पर बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था क्योंकि सैनी को पार्टी हाईकमान ने हरियाणा में मुख्यमंत्री की कुर्सी दी थी। मोहनलाल बड़ौली हरियाणा में पार्टी के ब्राह्मण चेहरे हैं और उन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के लिए काफी काम किया था। पार्टी ने उन्हें विधानसभा का चुनाव भी नहीं लड़ाया था जिससे वह पूरे राज्य में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर सकें। बीजेपी को चुनाव में जीत मिली थी।
दुकान चलाते थे बड़ौली
राजनीति में आने से पहले मोहनलाल बड़ौली सोनीपत के बहालगढ़ में एक दुकान चलाते थे। 1995 में उन्हें मुरथल मंडल का अध्यक्ष बनाया गया और साल 2000 में वह बीजेपी के पहले नेता थे जिन्होंने मुरथल में जिला परिषद का चुनाव जीता था। 2020 में बीजेपी ने बड़ौली को सोनीपत का अध्यक्ष बनाया और इसी साल पार्टी ने उन्हें प्रदेश महासचिव बनाने के साथ ही बीजेपी की कोर टीम में भी शामिल किया।
लोकसभा चुनाव 2024 में उन्हें सोनीपत की लोकसभा सीट से उम्मीदवार भी बनाया गया हालांकि बड़ौली इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी से 21,816 वोटों के मामूली अंतर से हार गए थे।
हरियाणा में इससे पहले भी बीजेपी के कई नेताओं पर दुष्कर्म के आरोप लगते रहे हैं। दिसंबर, 2022 में हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर एक जूनियर एथलेटिक्स कोच ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था।
इसके अलावा साल 2018 में बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे विकास बराला पर हरियाणा की एक आईएएस अफसर की बेटी ने पीछा करने का आरोप लगाया था।