हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए एक चरण में 5 अक्टूबर को मतदान होगा, वहीं वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी। चुनावी सरगर्मी के बीच रोहतक की गढ़ी-सांपला किलोई में मुक़ाबला दिलचस्प होता जा रहा है। हरियाणा में विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा को उनके गढ़ रोहतक में गढ़ी-सांपला किलोई से टक्कर देने के लिए भाजपा ने मंजू हुड्डा को उतारा है।
35 वर्षीय मंजू हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सबसे दिलचस्प लोगों में से एक हैं। मंजू के पिता जहां एक पुलिस अधिकारी हैं वहीं उनकी शादी एक ऐसे व्यक्ति से हुई है जिस पर कई आपराधिक मामले हैं।
मंजू के पिता प्रदीप यादव सेवानिवृत्त डीएसपी हैं और 2020 में उनकी शादी राजेश हुड्डा से हुई है जिन पर स्थानीय पुलिस के अनुसार कई जघन्य अपराधों के लिए 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं। फिलहाल पीएचडी कर रही मंजू लेक्चरर बनना चाहती थीं लेकिन 2022 में उनके पति ने उन्हें राजनीति में उतार दिया। वह पार्षद चुनी गईं और फिर उन्हें जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया। कुछ महीनों बाद वह बीजेपी में शामिल हो गईं।
मंजू बोलीं- राजेश सिस्टम का शिकार हैं
मंजू का दावा है कि उनका पति एक सुधरा हुआ आदमी है जिनका आपराधिक रिकॉर्ड अतीत की बात है। भाजपा उम्मीदवार मंजू ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “राजेश सिस्टम का शिकार हैं। अधिकांश मामलों में वह पहले ही बरी हो चुके हैं और अब बेदाग हैं। उन्होंने कई सालों में कोई अपराध नहीं किया है। उनका अतीत ख़त्म हो चुका है और उन पर जो भी आपराधिक मामले थे वे उनके खिलाफ एक साजिश के तहत दर्ज किए गए थे।”
10 साल से ज्यादा जेल में बिता चुका है भाजपा उम्मीदवार का पति
राजेश के एक करीबी सहयोगी का कहना है, ‘राजेश पहले ही 10 साल से ज्यादा जेल में बिता चुका है। हत्या के जिस मुख्य मामले में उसे काफी पहले गिरफ्तार किया गया था, उसमें उसे बरी कर दिया गया है और भी मामले हैं लेकिन उसके खिलाफ कोई नया मामला दर्ज नहीं किया गया है। वह एक सामान्य व्यक्ति की तरह सामाजिक जीवन जी रहा है।”
वहीं, रोहतक सदर स्टेशन हाउस ऑफिसर इंस्पेक्टर सतपाल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “वह (राजेश) मेरे पुलिस स्टेशन के रिकॉर्ड में BC (बैड कैरेक्टर) व्यक्तियों की सूची में शामिल है। उसके खिलाफ 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से कई जघन्य अपराधों के हैं। एक-दो में भले ही वह बरी हो गए हों लेकिन कई मामले ऐसे हैं जिनमें जांच लंबित है। वह हिस्ट्रीशीटर है। 18 मुकदमों का सामना कर रहे व्यक्ति को आप और क्या कहेंगे?”
भूपिंदर हुड्डा का कैसे करेंगी मुक़ाबला?
मंजू का मुकाबला उस व्यक्ति से है जो 2005 से इस सीट पर काबिज है। उनसे पूछें कि क्या उन्हें लगता है कि वह कमजोर उम्मीदवार हैं तो मंजू कहती हैं, ”यह सच है कि मैं एक न्यूकमर हूं लेकिन मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से अपार समर्थन मिल रहा है। मैं इतने सालों से जो सोशल वर्क कर रही हूं, उसके कारण भाजपा ने भी मुझ जैसे नवागंतुक पर विश्वास दिखाया है।”
भूपिंदर हुड्डा के बारे में मंजू कहती हैं, ”वह मेरे बड़े हैं। मेरी पार्टी का नजरिया और मेरा नजरिया उनसे अलग है।’ मैं सभी 36 बिरादरी (समुदायों) के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने की दिशा में काम करना चाहती हूं। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र और राज्य के युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करना चाहती हूं। मैं गांवों में बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाना चाहती हूं।”