Haryana Assembly Election 2019: हरियाणा के हिसार जिले में स्थित आदमपुर विधानसभा सीट राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल और उनके परिवार का गढ़ मानी जाती है। बता दें कि बीते 52 सालों में भजन लाल और उनका परिवार इस सीट से एक भी चुनाव नहीं हारा है। इस बार भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। वहीं भाजपा की तरफ से इस सीट पर 40 वर्षीय सोनाली फोगाट को चुनाव मैदान में उतारा गया है।
सोनाली फोगाट पार्टी की स्टेट वूमेन विंग की उपाध्यक्ष हैं और साथ ही हरियाणा कला परिषद की हिसार जोनल की निदेशक भी हैं। गौरतलब है कि सोनाली फोगाट एक इंटरनेट सेंसेशन हैं और शॉर्ट फॉर्मेट वीडियो एप टिक-टॉक पर उनके 1.4 लाख फोलोअर्स हैं। जब सोनाली से भजन लाल परिवार का गढ़ मानी जाने वाली आदमपुर सीट से टिकट मिलने पर सवाल किया गया तो उन्होंने भाजपा का उदाहरण दिया और कहा कि ‘भाजपा के सरकार बनाने से पहले कांग्रेस ने सालों तक राज किया। इस तरह आदमपुर में होगा।’
बता दें कि सोनाली फोगाट हिसार में रहती हैं और अपने 20 साल के एक्टिंग करियर में कुछ टीवी धारावाहिकों में भी काम कर चुकी हैं। सोनाली फोगाट का कहना है कि 12 साल पहले मैंने भाजपा के लिए काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन इससे मेरा अभिनय के प्रति रुझान कम नहीं हुआ। मुझे बीच-बीच में फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग करने का मौका मिलता रहा।
आदमपुर विधानसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी सोनाली फोगाट का कहना है कि ‘अब वह फुल टाइम राजनेता हैं और सामाजिक सेवा में हैं। टिक-टॉक मुझे काफी प्रभावित करती है। मेरी दिलचस्पी गानों और अभिनय में है, जिसके चलते मैं टिक-टॉक पर सक्रिय रहती हूं।’ सोनाली फोगाट ने बताया कि पूर्व लोकसभा स्पीकर और भाजपा की दिग्गज नेता रहीं सुमित्रा महाजन से प्रभावित होकर वह राजनीति में आयीं।
सोनाली फोगाट के पति संजय फोगाट का कुछ साल पहले निधन हो चुका है। अपने नामांकन के दौरान अपने चुनावी घोषणापत्र में सोनाली फोगाट ने अपने पास 2.73 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति घोषित की है। सोनाली फोगाट ने कुलदीप बिश्नोई पर हमला बोलते हुए कहा कि वह अच्छे राजनेता नहीं बन सकते। हालांकि उन्होंने कुलदीप बिश्नोई के पिता और पूर्व सीएम भजन लाल के काम को सराहा।
वहीं कुलदीप बिश्नोई ने दावा किया कि वह आसानी से चुनाव जीत जाएंगे। बिश्नोई ने कहा कि ‘वह (सोनाली) आदमपुर विधानसभा सीट के बारे में कुछ नहीं जानती। उन्हें यहां के गांवों के नाम भी नहीं पता हैं।’