कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक ट्वीट के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने अत्यंत तीखी प्रतिक्रिया की है। दरअसल, राहुल का ट्वीट भी बहुत तीखा था। ट्वीट में उनकी लिखी लाइन महज इतनी थीः आंकड़े नहीं भारत सरकार झूठ बोलती है। यहां तक तो ठीक था। इसके नीचे चिपकी थी न्यूयॉर्क टाइम्स की एक क्लिपिंग। क्लिपिंग में भारत में कोविड से होने वाली मौतों के सरकारी आंकड़े के साथ अनुमानित आंकड़े भी थे। एक अनुमान सरकारी आंकड़े से कई गुना ज्यादा था।

इसी ट्वीट पर भड़क कर स्वास्थ्य मंत्री ने जवाबी ट्वीट में लिखा कोविड से होने वाली मौतों पर गिद्ध राजनीति करने पर आमादा हैं। गिद्ध शब्द को किसी के साथ जोड़े बिना डॉ हर्षवर्धन लिखते हैः लाशों की राजनीति, कांग्रेस स्टाइल। गिद्ध, हालांकि दरख्तों से गायब होते जा रहे हैं लेकिन लगता है उनकी आत्मा धरती के गिद्ध जज़्ब कर रहे हैं। कांग्रेस नेता का ट्विटर हैंडल @RahulGandhi टैग करते हुए स्वास्थ्य मंत्री लिखते हैं कि राहुल जी को दिल्ली से ज्यादा न्यूयॉर्क पर भरोसा है।

उल्लेखनीय है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या को लेकर जनसामान्य के मन में भी सरकारी आंकड़ों के प्रति अविश्वास रहा है। बड़े शहरों में श्मशानों की गिनती सरकारी गिनती से कभी मेल नहीं खाई। फिर बक्सर, बलिया में गंगा में उतराती लाशों के चित्र भी खूब छपे। इधर, कानपुर, उन्नाव और इलाहाबाद में गंगा की बालू में दफनाई गई लाशों पर हंगामा है।

सरकारी आंकड़ा बहरहाल, 3.11 लाख मौतों का है। कांग्रेस हमेशा से कहती आई है कि केंद्र सरकार मरने वालों की संख्या कम करके बताती है। मई के शुरू में वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने गहरी आशंका जताई थी कि केंद्र और कुछ राज्य सरकारें साठगांठ करके कोरोना से संक्रमित होने वालों और मरने वालों की संख्या छिपा रही है। चिदंबरम और उनके साथ मौजूद वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि गंगा में उतराती और किनारे रेत में दफन दो हजार से ज्यादा शव हमारे संदेह को पुष्ट करते हैं।

चिदंबरम ने कहा था कि यह सब अगर सच है तो यह राष्ट्रीय त्रासदी है और पूरे राष्ट्र के लिए शर्म की बात है। उन्होंने गुजराती अखबार का भी हवाला दिया था जिसमें बताया गया था कि श्मशान में गिने गए शवों की संख्या सरकारी तौर पर बताई गई संख्या से बहुत ज्यादा थी।