एअर इंडिया में पहली महिला पायलट हरप्रीत एडी सिंह ने 32 बरस पहले इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए रास्ता खोला था। अब वे सरकारी विमानन सेवा की क्षेत्रीय सहायक इकाई अलायंस एअर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी बन गई हैं।

हरप्रीत सिंह को 1988 में एअर इंडिया में महिला पायलट के तौर पर नियुक्त किया गया। हालांकि स्वास्थ्य कारणों से वह विमान तो नहीं उड़ा पाईं, लेकिन उड़ान सुरक्षा की दिशा में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया। वह इंडियन महिला पायलट एसोसिएशन की अध्यक्ष भी रहीं। एअरोनॉटिकल सोसाइटी आफ इंडिया की मुंबई शाखा की अध्यक्ष और मुख्यालय में परिषद सदस्य के तौर पर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में उन्होंने पर्चे पेश किए।

आइजीआरयूए से कॉर्मिशयल पायलट का लाइसेंस लेने के साथ ही वह एक योग्य प्रशिक्षक हैं, जो विमान और उड़ान सुरक्षा से जुड़े विभिन्न लोगों को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करती हैं। वह भारत में उड़ान सुरक्षा की पहली महिला प्रमुख हैं। इसके अलावा वह सेवा के मानवीय पहलुओं और संबद्ध पक्षों के प्रशिक्षण के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों का संचालन करती हैं, जिसमें एअरलाइंस के अलावा कॉरपोरेट संस्थानों के लोग भी शिरकत करते हैं।

महिला के तौर पर बहुत सी बातों में उनके नाम के साथ ‘पहली’ शब्द जुड़ा है। वह किसी एअरलाइन में गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली की पहली महिला प्रमुख रही हैं और आइओएसए, आइएसएजीओ और एलओएसए के लिए अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की पहली प्रमुख आडिटर एवं मूल्यांकनकर्ता रही हैं। उन्होंने सुरक्षा प्रबंधन और जोखिम प्रबंधन में डिप्लोमा किया है। वह किसी एअरलाइन में आपात प्रतिक्रिया विभाग की भी पहली महिला प्रमुख रही हैं।

उन्होंने विमान सेवा में मानवीय प्रतिक्रिया के लिए ‘एंजल्स आॅफ एअर इंडिया’ को आकार दिया और पर्यावरण प्रबंधन तथा हरित पहल के प्रमुख के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह किया। हरप्रीत की ये तमाम उपलब्धियां ही हैं, जिनके दम पर वह नागर विमानन के 110 वर्ष के इतिहास में किसी भारतीय एअरलाइन के सीइओ पद पर पहुंचने वाली पहली महिला बनी हैं। उनकी यह उड़ान हर उस लड़की के लिए एक प्रेरणा है, जो खुले आसमान में परवाज करना चाहती है।

यहां यह जान लेना दिलचस्प होगा कि एअर इंडिया में सभी भारतीय विमान सेवाओं के मुकाबले महिला पायलओं की संख्या औसतन काफी ज्यादा है। यही नहीं दुनियाभर में महिला पायलटों की संख्या के मामले में भी सरकारी विमानन कंपनी काफी आगे है। महिला पायलटों की संख्या का वैश्विक औसत जहां दो से तीन फीसद है, वहीं भारत में इनका औसत दस फीसद है। यही नहीं पिछले वर्ष महिला दिवस पर एअर इंडिया ने ऐसी 12 अंतरराष्ट्रीय और 40 घरेलू उड़ानों का संचालन किया था, जिनके चालक दल में सिर्फ महिलाएं थीं।