उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के सचिव मोहम्मद शाहिद के सीडी मामले को लेकर राज्य की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है। भाजपा ने हरीश रावत के इस्तीफे की मांग की है और कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री के सचिव शाहिद को हटाने की मांग की है।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा और विजय बहुगुणा की मांग खारिज करते हुए कहा कि जब तक इस मामले की पूरी तरह से जांच नहीं हो जाती तब तक शाहिद को नहीं हटाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले की जांच उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को सौंप दी गई है।

उत्तराखंड के डीजीपी सीडी की सच्चाई की जांच कर रहे हैं। इस सीडी को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले को भाजपा की सोची-समझी चाल बताया और कहा कि उनकी सरकार की लोकप्रियता से घबराकर भाजपा घिनौनी हरकत पर उतर आई है। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय नेताओं पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों से देश और दुनिया का ध्यान हटाने के लिए भाजपा ने यह साजिश रची है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की आबकारी नीति एफएल-2 का व्यवसाय पहले ही राज्य से सरकार मंडी परिषद और गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमाऊं मंडल जैसे राज्य सरकार के सरकारी उपकरणों को दे चुकी है। ऐसे में किसी भी निजी फर्म को किसी भी तरह से शराब के ठेके नहीं दिए गए हैं और न ही दिए जा सकते हैं। ऐसे में निजी शराब ठेकेदारों से सौदेबाजी का सवाल ही नहीं उठता।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि यह सीडी भाजपा की रावत सरकार की लोकप्रियता को कम करने के लिए की गई एक साजिश है। इसमें बातचीत स्पष्ट नहीं है और यह कब बनी, कहां बनी यह भी साफ नहीं है। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड भाजपा के नेताओं ने अपने केंद्रीय नेतृत्व को गलत जानकारी आबकारी नीति को लेकर दी है जिस कारण केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण की स्थिति हास्यादपद हो गई है। रावत सरकार के मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि विजय बहुगुणा का बयान निजी बयान है। उससे कांग्रेस पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।

वहीं उत्तराखंड भाजपा ने गुरुवार को पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों में हरीश रावत के पुतले फूंके और रावत सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। भाजपा के तीन बड़े नेताओं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत, महामंत्री प्रकाश पंत और विपक्ष के नेता अजय भट्ट ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर रावत सरकार से इस्तीफा मांगा।

(सुनील दत्त पांडेय)