हार्दिक पटेल को गुजरात पुलिस ने मंगलवार रात हिरासत में ले लिया लेकिन हिंसा भड़क जाने के बाद उनको रिहा कर दिया।
भूख हड़ताल पर बैठे हार्दिक पटेल और तीन अन्य के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस ने अमदाबाद के जीएमडीसी मैदान पर धावा बोला। पुलिस हार्दिक और उनके समर्थकों को वहां से ले गई। इस दौरान पुलिस के लाठीचार्ज में मीडियाकर्मी भी घायल हुए। हार्दिक को हिरासत में लिए जाने के साथ ही हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया, पथराव किया और कई सरकारी संपत्तियों व बसों को आग लगा दी। उन्होंने महेसाणा जिले में गुजरात के गृह राज्य मंत्री रजनी पटेल के घर को भी आग लगाने की कोशिश की।
पटेल समुदाय के लोगों के इस मिजाज को देखते हुए पुलिस ने हार्दिक को रिहा कर दिया। रिहाई के बाद हार्दिक ने मीडिया से कहा, ‘हम पर और मीडिया पर पुलिस का हमला राजनीतिक है। पुलिस ने जिस तरह से महिलाओं, बच्चों सहित हमें पीटा है वो उचित नहीं था।’
पुलिस के मुताबिक अमदाबाद में कम से कम दो बसों को आग लगा दी गई। पुलिस के मुताबिक शहर में कम से कम 15 स्थानों पर झड़प हुई। इसके अलावा कई शहरों में कई स्थानों पर आगजनी की गई। लोगों ने पथराव और दुकानों में तोड़फोड़ की।
तनाव बढ़ता देख मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने कहा,‘गुजरात के लोगों से मेरी अपील है कि वे शांति बनाएं रखें और कानून-व्यवस्था बाधित करने में शामिल नहीं हों।’ उन्होंने ट्वीट किया कि लोग अफवाह फैलाने व अफवाहों पर विश्वास करने से बचें।