राष्ट्र ध्वज का कथित तौर पर अपमान करने के मामले में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को सोमवार को गिरफ्तार किया गया। अपने समुदाय के युवकों को यह कह कर उकसाने को लेकर कि वे आत्महत्या करने की बजाय पुलिसकर्मियों को मारें, उनके खिलाफ देशद्रोह के आरोप के तहत मामला भी दर्ज किया गया।
हार्दिक ने कल भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक दिवसीय मैच के दौरान स्टेडियम में विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी थी जिसके बाद उनको हिरासत में ले लिया गया था। आज उनको राष्ट्र ध्वज के अपमान के आरोप में गिरफ्तार किया गया। राजकोट ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक गगनदीप गंभीर के अनुसार, पुलिस ने हार्दिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से पहले उनके खिलाफ ठोस साक्ष्य जुटाए हैं जो पहले से ही कल से स्थानीय पुलिस की एहतियातन हिरासत में हैं।
गंभीर ने कहा, ‘हमने सभी वीडियो फुटेज की जांच कर ली है जो स्पष्ट तौर पर यह संकेत दे रहे हैं कि हार्दिक ने राष्ट्र ध्वज का अपमान करने का अपराध किया है। इसलिए पुलिस ने पाधारी पुलिस थाने में हार्दिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।’
गंभीर के अनुसार, राष्ट्र ध्वज कथित तौर पर हार्दिक के पैर को छू रहा था जिसे वह हाथ में लिए हुए थे और मीडिया से बात करने के लिए कार पर कूदे। यह घटना उस समय घटी जब स्टेडियम जाने के मार्ग में कल मारधापार चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोका। पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘जब उन्हें पुलिस ने रोका तब वह अचानक राष्ट्र ध्वज लेकर कार की छत पर कूद गए। ऐसा करते समय ध्वज उनके पैर को छू गया जो तिरंगे के सम्मान के खिलाफ है। कानून इसकी इजाजत नहीं देता है।’
गंभीर ने कहा कि हार्दिक को कल पाधारी में स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक की ओर से अपने समुदाय के युवकों को आत्महत्या करने के बजाय पुलिसकर्मियों को मारने का बयान देकर कथित तौर पर उकसाने को लेकर सोमवार को उनके खिलाफ गुजरात पुलिस ने देशद्रोह के आरोप के तहत मामला दर्ज किया।
पुलिस उपायुक्त ने बताया, ‘हमने बीते तीन अक्तूबर को यहां हार्दिक पटेल के उस बयान को लेकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया है जिसमें उन्होंने अपने साथियों से कहा कि वे आत्महत्या करने की बजाय पुलिसकर्मियों को मारें।’ चौहान इस मामले में शिकायतकर्ता बने हैं।
सूरत के अमरोली थाने में हार्दिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अपने विवादित बयान में 22 साल के हार्दिक ने पटेल समुदाय के एक युवक को कथित तौर पर सलाह दी थी कि वह आत्महत्या करने की बजाय पुलिसकर्मियों की हत्या करे। हार्दिक ने विपुल देसाई नामक युवक से कथित तौर पर कहा, ‘अगर तुम्हारे पास इतना साहस है तो जाओ और कुछ पुलिसकर्मियों की हत्या करो। पटेल कभी आत्महत्या नहीं करते।’
विपुल देसाई ने एलान किया था कि वह पटेल आरक्षण आंदोलन के समर्थन में खुदकुशी करेगा। हार्दिक के विवादित बयान के करीब 15 दिनों के बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज की है।

