Manmohan Singh Death News: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी और हिंदू कॉलेज अमृतसर में बिताए अपने दिनों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे सुखद समय था। यहीं से उनकी यात्रा की नींव रखी गई थी। इसने उन्हें भारत के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक बना दिया। आजादी के बाद यूनिवर्सिटी के सबसे शानदार पूर्व छात्र के तौर पर मनमोहन सिंह को उनकी विनम्रता के लिए जाना जाता था।
पूर्व पीएम ज्यादातर अपनी कामयाबी का श्रेय डॉ एसबी रंगनेकर जैसे गुरुओं को देते थे। वह यूनिवर्सिटी के इकोनॉमिक्स डिपॉर्टमेंट के चीफ थे। 1952 में होशियारपुर में विभाग में शामिल हुए सिंह ने कहा कि रंगनेकर ने उन्हें कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में आगे की पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। 1957 में मनमोहन सिंह वापस आए और उन्होंने साल 1966 तक पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाया। 33 साल की उम्र में वह पूरी तरह से प्रोफेसर बन गए। यही उनकी कामयाबी को दिखाता है।
2018 में यूनिवर्सिटी की यात्रा के दौरान अपने समय को याद करते हुए सिंह ने कहा कि डॉ रंगनेकर और उनकी पत्नी शालिनी ने मेरे साथ परिवार की तरह व्यवहार किया। वह मेरी जिंदगी का सबसे खुशी का समय था। उनके छात्र भी उनकी तारीफ करते थे। उनसे पढ़े प्रोफेसर एमेरिटस प्रोफेसर एचएस शेरगिर ने याद किया, ‘वे हर लेक्चर के लिए पूरी तरह से तैयार होकर आते थे, स्पष्टता से बोलते थे और सम्मान देते थे। यहां तक कि हम छात्र भी कभी उनके लेक्चर में देरी से पहुंचने की हिम्मत नहीं करते थे।’
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चंडीगढ़ मनमोहन सिंह के दिल के करीब रहा
दिल्ली आने के बाद भी चंडीगढ़ मनमोहन सिंह के दिल के करीब रहा। वे और उनकी पत्नी गुरशरण कौर कभी सेक्टर 11 में एक घर के मालिक थे और उनके दोस्तों का एक छोटा लेकिन वफादार ग्रुप था। चंडीगढ़ में सेंटर फॉर रिसर्च इन रूरल एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (CRRID) के गवर्निंग बॉडी के सदस्य के तौर पर वे इसके कार्यकारी उपाध्यक्ष दिवंगत डॉ रशपाल मल्होत्रा के बहुत करीब थे और ऐसा कहा जाता था कि CRRID में एक कमरा हमेशा उनके लिए रिजर्व रहता था।
हिंदू कॉलेज के साथ भी खास नाता
अमृतसर के हिंदू कॉलेज के साथ उनका भी बेहद खास रहा था। 1948 में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के 70 साल बाद कैंपस में दोबारा आते हुए सिंह ने कहा, ‘इस कॉलेज ने मुझे वह बनाया जो मैं आज हूं। उन्होंने इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन दोनों परीक्षाओं में यूनिवर्सिटी में टॉप किया था और अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की थी।
कैब्रिज और ऑक्सफोर्ड में किया अध्ययन
सिंह की काबिलियत उन्हें पंजाब से सीधे कैब्रिज ले गई। यहां पर उन्होंने इकोनॉमिक्स में टॉप किया। इसके बाद वह ऑक्सफोर्ड चले गए। यहां पर उन्होंने डीफिल पूरी की। 2018 में अपने गुरु के सम्मान में पंजाब यूनिवर्सिटी में लेक्चर देते हुए सिंह ने नाम लिए बिना उन्होंने भारतीयों को धर्म, जाति या भाषा के आधार पर विभाजित करने के प्रयासों के खिलाफ चेतावनी दी और लोकतंत्र के लिए बढ़ते खतरों के सामने एकता का आह्वान किया। इससे पहले 1967 में विश्वविद्यालय छोड़ने के बाद सिंह दो बार पंजाब विश्वविद्यालय लौटे। पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्होंने बार-बार साबित किया कि वो ‘Accidental Prime Minister’ नहीं थे पढ़ें पूरी खबर