Haldwani Violence: उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को भड़की हिंसा में अब तक पांच लोग मारे गए हैं। जबकि कई लोग घायल हुए हैं। इसी बीच राज्य सरकार ने केंद्र से अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती की मांग की है।
रविवार को हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में जहां हिंसा हुई थी, स्थिति सामान्य हुई है और घटना के बाद से बंद पड़ी ज्यादातर दुकानें सुबह फिर से खुल गईं। हिंसा के बाद बंद की गई मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी ज्यादातर इलाकों में बहाल कर दी गईं।
गुरुवार को प्रशासन द्वारा चलाए गए अभियान के बाद हिंसा भड़क गई थी। पथराव, कारों में आग लगाने और स्थानीय पुलिस स्टेशन को भीड़ द्वारा घेरने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए थे।
जिला प्रशासन ने बनभूलपुरा में एक मस्जिद और एक मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया था। जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। जिले के अधिकारियों ने कहा कि दोनों संरचनाएं नज़ूल भूमि पर खड़ी थीं।
शनिवार को केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की चार अतिरिक्त कंपनियों की मांग की।
केंद्र को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘8 फरवरी को बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत मलिक का बगीचा में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण के दौरान अराजक तत्वों द्वारा कानून व्यवस्था को लगातार बाधित करने के दृष्टिगत जिले में कानून एवं व्यवस्था ड्यूटी के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बल की चार अतिरिक्त कंपनियों की आवश्यकता है।’ बनभूलपुरा में कर्फ्यू अभी भी जारी है और स्थानीय पुलिस हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर रही है।
वहीं, जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में आम जन को आपात स्थिति में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. जिसमें डॉ. एन सी तिवारी, एसीएमओ 9410167445 और डॉ. अजय, डिस्ट्रिक्ट इम्यूनाइजेशन अधिकारी 9412120155 हैं।
नजूल भूमि किसे कहते हैं?
वह जमीन नजूल भूमि कहलाती है, जिस पर किसी का भी मालिकाना अधिकार नहीं होता है। लंबे समय से वह जमीन बिना वारिस के खाली पड़ी रहती है। ऐसी जमीन को सरकार अपने अधिकार में लेती है और अपने जनहित के कार्यों में प्रयोग करती है। राज्य सरकार ऐसी जमीन की मालिक होती है। या यूं कहें कि ऐसी सरकारी भूमि जिसका राजस्व रिकॉर्ड में आधिकारिक तौर पर उल्लेख नहीं किया गया है।